चम्बल की शान बन्दूक के बगैर दशहरा पर शस्त्र पूजन

के के दुबे ग्वालियर ब्यूरो – ग्वालियर चंबल संभाग की अगर बात की जाए तो आन बान शान का प्रतीक है हथियार , चंबल की जनता को इस बार बगैर शस्त्र पूजन के दशहरा मनाना पड़ेगा , वजह है इस बार उपचुनाव …

चम्बल की आन-बान शान का प्रतीक हथियार माना जाता है। चम्बल में लगभग तीसरे व्यक्ति पर लाइसेंसी हथियार (बन्दूक) अवश्य होती है । मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार चम्बल क्षेत्र में ही है । चम्बल के लोगो को हथियार रखने का बहुत शौक है यही कारण है कि कई लोगो पर एक से अधिक लाइसेंसी हथियार भी रखे हैं । लेकिन इस बार लोगो थोड़ी मायूसी भी है क्योंकि इस बार चम्बल के लोग अपने लाइसेंसी हथियारों का दशहरा पर पूजन नही कर पाएंगे । कारण है कि विधानसभा उपचुनाव शांति पूर्ण संम्पन्न कराने की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा सभी लाइसेंसी हथियार धारकों को आदेश जारी कर उनके लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा करने के निर्देश दिए गए है । जिसके कारण इस बार लाइसेंसी हथियारों के शौकीन चम्बलवासियो को दशहरा पर अपनी लाइसेंसी बन्दूको को पूजन करने का अवसर नही मिलेगा ।

ऐसे ही एक शख्श विवेक ने बताया पूर्वजों के समय से हमारे घर में दशहरा के दिन हथियारों की पूजन विधि विधान से होती आ रही है । चंबल संभाग में हथियारों का घर में होना एक शान की बात है । इस बार दशहरा पर हम हमारे हथियारों बंदूकों की पूजा नहीं कर पाएंगे । चुनाव के चलते ये परेशानी हुई है खेर अगली बार और अच्छे से करेंगे ।