आशीष रावत…..मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाया अब 4250 रुपए मिलेंगे…..

नवनिर्वाचित सरपंचों का आज राजधानी के जम्बूरी मैदान पर सरपंचों का सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मंच से सीएम ने घोषणा करते हुए सरपंचों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया है। अब सरपंचों को 1750 रुपए के बजाए 4250 रुपए मानदेय मिलेगा। सीएम ने घोषणा कि ग्राम पंचायत को प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किया जाएगा। वहीं, प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक की नियुक्ति की जाएगी। रोजगार सहायक के स्थानांतरण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की राशि 1,472 करोड़ रुपए जारी कर दी गई है। मैं आप सभी के साथ मिलकर सरकार चलाना चाहता हूं। मामा हर कदम पर आपके साथ खड़ा है।

 

सरपंचों से सीएम की अपील…..
सीएम ने कहा पंचायती राज के जो नियम, प्रक्रिया और अधिकार हैं उन्हें आप लोग ढंग से पढ़ लेना। मैं एसीएस को निर्देश दे रहा हूं कि हर पंचायत में अधिकारों की गाइडलाइन बनाकर भेजें। नहीं तो ऐसा होता है कि सरपंच कोई और है और पंचायत कोई और चला रहा है। बिना पढ़े कोई भी प्रस्ताव पर दस्तखत मत करना। इक्का दुक्का कोई भाई-बहन पढ़ा न हो तो उसे समझ लें। बाद में जब जांच होती है तो सरपंच साहब कहते है कि हमसे दस्तखत करा लिए। ब्लॉक स्तर पर अधिकार, कर्तव्यों और नियमों की ट्रेनिंग दी जाए। पात्र हितग्राहियों को उनके अधिकार देना है। जब हम समीक्षा करते हैं तो सब अच्छा-अच्छा ही बताया जाता है। सच बात आपको पता होती है। मैं औचक निरीक्षण कर रहा हूं।

शहरों की तरह गांव का मास्टर प्लान बनाएं…..
अब गांवों के काम कोई अधिकारी तय नहीं करेगा। अब ग्राम सभा कामों की योजना बनाएगी। ग्राम पंचायत के विकास को लेकर हर साल का मास्टर प्लान बनाएं। अब गांव की योजनाएं भोपाल से नहीं बनेंगी, बल्कि गांव की चौपाल से बनेगी।

इन पर होगी कार्यवाही या नहीं…..
पूर्व में प्रदेश की कई ग्राम पंचायतों में करोड़ो का भ्रष्टाचार सरपंच और सचिव के दौरा करने के कई मामले सामने आ चुके हैं । गांव के विकास और मूलभूत काम कराने के लिए सरकार हर ग्राम पंचायतों को वहां की जनसंख्या के हिसाब से विकास कार्य करने के लिए लाखो रुपये देती है । पर पंचायतों में भ्रष्टाचार के चलते मूलभूत काम नहीं हो पाते । पूर्व में भी कई पंचायतो में सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है पर उन पर अभी तक कोई प्रभावी कार्यवही प्रदेश सरकार नहीं कर पाई है । क्या ऐसी पंचायतों के माननीयों पर कार्यवाही होगी ।