संजय दुबे … मध्य प्रदेश की राजनीति में आज का दिन भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छा नहीं रहा। कटनी में कद्दावर नेत्री पद्मा शुक्ला के इस्तीफे के बाद कटनी के और भी नेताओ ने अपने इस्तीफे दे दिए। दिन भर से सोशल मीडिया में आज एक नाम और चल रहा था पूर्व राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके भी पार्टी से जल्द विदा हो सकती है शाम होते होते इस वायरल खबर पर आयोग की उपाध्यक्छ ने अपनी सफाई दे डाली।
अनुसूचित आयोग उपाध्यक्छ अनसुइया उइके ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा में आखरी साँस तक रहने की बात कही। साथ ही कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उइके ने भाजपा में रहने की बात कही।
क्या कहा उइके ने ……
आज प्रेस कोंन्फ्रेस आयोजित कर कांग्रेस की ओछी मानसिकता का खण्डन किया। विगत दिनों छिंदवाड़ा मे आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम मे मैंने संवैधानिक पद का निर्वहन करते हुए इसमें भाग लिया था और छिंदवाड़ा के विकास को लेकर हो रही पहल का समर्थन किया। लेकिन मेरे बयान का गलत अर्थ निकालते हुए कांग्रेस कार्यालय छिंदवाड़ा से इस कार्यक्रम के बारे में प्रेस नोट जारी किया गया कांग्रेस की ओछी मानसिकता का घोतक है। कांग्रेस ओछी राजनीति पर उतर आई है मेरे द्वारा जिले के विकास में केंद्र सरकार के विकास कार्य और राज्य सरकार के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सरकार की उपलब्धियां भी बताई गई थी। लेकिन गैर राजनीतिक कार्यक्रम की प्रेस रिलीज कांग्रेस कार्यालय से गलत तरीके से जारी की गई है। यदि इस मामले में माफी नहीं मांगी गई तो मैं मानहानि का दावा करुंगी।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में तेजी से विकास हुआ है, मेडिकल कॉलेज भाजपा सरकार के शासनकाल में ही बनकर तैयार हुआ है। मैं आज जहां भी हूं भाजपा की वजह से ही हूं और मैं कभी भी पार्टी से हटकर नहीं जाऊंगी पार्टी जो जिम्मेदारी मुझे देगी उसे मैं निभाउंगी। अब सोशल मीडिया में एक अफवाह फैलाई जा रही है कि “मैंने कॉग्रेस में वापसी का मन बना लिया है”, इस बात को मैं पूरी तरह से नकारती हॅूं। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। मुझे भारतीय जनता पार्टी ने बहुत कुछ दिया है और बल्कि इतना अधिक दिया है जिसकी मैं कल्पना भी नहीं करती थी।
मैं, विगत 25-26 वर्षो से पार्टी के आदेश पर निष्ठापूर्वक जनहित के कार्य करती रही हूँ और आगे भी करती रहॅूंगी। मैं पद पर रहॅूं अथवा न रहू सदैव भाजपा तथा उसके नेतृत्व के प्रति वफादार रहकर अपने जीवन के अंतिम समय तक अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी और वफादारी से करूगी। मेरे दल बदलने की अफवाह राजनीतिक षडयंत्र है।
एक सामाजिक संस्था के गैर राजनीतिक कार्यक्रम में सकारात्मक दृष्टिकोण से व्यक्त किये गये विचारों के आधार पर कुछ व्यक्तियों और राजनीतिक दल द्वारा तोड मरोडकर इस प्रकार के बयान जारी कर अफवाह फैलाई जा रही है जिसका मै विरोध करती हूं।