विकास पांडे जबलपुर ब्यूरो – रेलवे के निजीकरण की खबरों के बीच जबलपुर में रेल कर्मचारियों ने सड़क पर आकर अपना विरोध दर्ज कराया …
जबलपुर वेस्ट सेंट्रल रेल्वे एम्प्लाईज़ यूनियन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन में शामिल रेलकर्मी सरकार द्वारा तेजी से अपनाई जा रही निजीकरण की भूमिका के सख्त खिलाफ नज़र आए । प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना था कि केंद्र सरकार निजीकरण के माध्यम से रेल्वे को बेचने का प्रयास कर रही है जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा । पहले एक ट्रेन और अब 150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने से यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । एक ओर जहां रेल सफर महंगा होगा तो वहीं रेलकर्मियों के भविष्य पर भी संकट के बादल गहराएंगे । कर्मचारियों का कहना था कि भारतीय रेल में साढ़े 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं जो रेल सेवाओं को संचालित करने में सक्षम हैं । रेल कर्मचारियों ने कहा है कि वो किसी भी हालत में रेल्वे को बिकने नहीं देंगे और आगामी दिनों में अगर फिर भी सरकार के कानों मे जूं नही रेंगी तो रेल रोको आंदोलन करने के लिए उन्हें बाध्य होना पड़ेगा । जबलपुर के मुख्य रेल्वे स्टेशन से शुरू हुआ अर्थी जुलूस महाप्रबंधक कार्यालय तक पहुंचा जहां ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग से कर्मचारियों ने अवगत कराया ।