पिपरिया में किसान और विधुत कर्मचारी आमने सामने

आशीष रावत पिपरिया ब्यूरो – पिपरिया विधुत मंडल के कल बकाया वसूली कुर्की के दौरान एक गाँव में एमपीईबी के कर्मचारी अधिकारी और ग्रामीणों के बीच मारपीट हो गई , जिसके बाद पिपरिया अनुविभाग के अधिकारीयों की तरफ से ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज रकवाया गया , आज आक्रोशित किसान पिपरिया आकर गांव में वसूली के नाम पर एमपीईबी के अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा दिखाई जा दादा गिरी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने पर उतारू रहे …

पिपरिया एमपीईबी डिवीजन के डी और कर्मचारी कल नजदीक के गाँव मोकलवाड़ा में बकाया बिल वसूली के लिए पहुंचे थे जहा किसानों से बकाया राशि वसूली न होने पर उनके वाहन राजसात करने लगे । ग्रामीणों ने डी और विभाग के कर्मचारियों से काफी मिन्नतें की पर अधिकारी और कर्मचारी सख्ती बरतते हुए किसानों के ट्रेक्टर को लाने लगे । जिसके बाद किसानों और विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में झड़प हो गई । इस झड़प में डी और अन्य कर्मचारियों को चोटें आई । घटना के बाद पिपरिया डिवीजन की डी पूनम तुकराम ओर कर्चारियों की तरफ से स्टेशन रोड थाने में ग्रामीणों पर अपराध दर्ज करवा दिया था ।

मोकलवाड़ा के किसानों पर मामला दर्ज होने के बाद आज एक बार फिर एमपीईबी और किसान आमने सामने आ गए हैं । एक तरफ एमपीईबी के कर्मचारियों ने लामबंद होकर शहर में एक रैली निकाल अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन दिया तो वही मोकलवाड़ा के किसान भी एक साथ पिपरिया आ गए और एमपीईबी के कर्मचारियों द्वारा कल गांव में मारपीट कर जबरन उनके वाहन लाने और काउंटर केस बनाने पर अड़े रहे ।

कांग्रेस भी आई समर्थन में –
किसानों के हंगामे के बाद कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिला अध्यक्छ पुष्पराज पटेल यूथ कांग्रेस के आदित्य पलिया धर्मेंद्र नागवंशी के साथ कांग्रेसी भी किसानों के साथ जायज मांग के लिए किसानो के साथ हो लिए ।

किसानों ने किया थाने का घेराव –
मोकलवाड़ा के किसानों ने आज मंगलवारा थाने का घेराव कर पुलिस से मांग की कि एमपीईबी के अधिकारीयों और कर्मचारियों पर ग्रामीणों से मारपीट नियम विरुद्ध उनके वाहनों की कुर्की करने का अपराध दर्ज करें । वही मंगलवारा थाना प्रभारी अजय तिवारी द्वारा किसानों से उनकी शिकायत ले जाँच करने की बात कही ।

24 घंटे में कार्यवाही नहीं तो फिर होगा आंदोलन –
किसानों ने आज थाने का घेराव किया तीन घंटे चले इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने किसानों की मांगों के लिए 24 घंटे का समय माँगा है । इस दौरान किसानों तोर ओर स्थानीय प्रशासन को 24 घंटे में कार्यवाही करने का कहा है यदि 24 घंटे में कार्यवाही नहीं होती तो ग्रामीण दोबारा फिर आंदोलन की बात कहते नजर आये ।