के के दुबे ग्वालियर ब्यूरो – ग्वालियर जिले के भितरवार के SDM का रीडर 2 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया है , किसान से जमीन नामातंरण के बदले 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है ….

ग्वालियर जिले के भितरवार में SDM का रीडर को 2 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने धर दबोचा है । लोकायुक्त की टीम ने जैसे ही रीडर का हाथ पकड़ा तो वह समझ गया । तत्काल रुपए फेंके और दौड़ लगा दी लेकिन वो भाग नहीं सका । लोकायुक्त ने यह कार्रवाई सोमवार दोपहर SDM कार्यालय भितरवार में की । डबरा के जवाहरगंज निवासी किसान नारायण सिंह कोमल की 5 बीघा जमीन थी जिसे अपने बेटे के नाम नामातंरण कराने के लिए उन्होंने भितरवार SDM कार्यालय में आवेदन किया था । भू-अभिलेख में इन्द्राज न करते हुए SDM कार्यालय में पदस्थ रीडर राजेन्द्र सिंह परिहार ने काम अटका रखा था । वह किसान को परेशान कर रहा था । जब किसान ने उससे काम नहीं होने का कारण पूछा तो रीडर राजेन्द्र सिंह द्वारा किसान को बताया गया कि वरिष्ठ अफसरों को पैसा पहुंचाना पड़ता है इसलिए 2 हजार रुपए दिए बिना काम नहीं होगा । परेशान होने के बाद पीड़ित नारायण सिंह ने मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी संजीव सिन्हा से की थी । लोकायुक्त ने SDM के रीडर की रिकॉर्डिंग करने के लिए कहा था । किसान ने रिकॉर्डर में पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर लोकायुक्त को दी जिसके बाद्द आज लोकायुक्त टीम डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर के नेतृत्व में SDM के रीडर की घेराबंदी की । एक टीम को किसान के साथ दो हजार रुपए लेकर SDM कार्यालय पहुंचाया गया । जैसे ही बाबू ने दो हजार रुपए लिए लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया । SDM के रीडर राजेन्द्र सिंह परिहार की नजर लोकायुक्त पुलिस पर पड़ी । उसने किसान से लिए रुपए फेंके और दौड़ लगा दी , लेकिन गेट पर तैनात खड़ी टीम ने उसे पकड़ लिया और अंदर लाकर कार्रवाई शुरू कर दी । पकड़े जाने के बाद रीडर सिर झुकाकर बैठा रहा । लोकायुक्त ने कैमिकल लगे 2 हजार रुपए निगरानी में लिए । आरोपी रीडर के हाथ पानी में धुलाए तो पानी गुलाबी हो गया । गवाहों के सामने दस्तावेज जब्त कर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है।

फरियादी नारायण सिंह ने बताया कि उसकी जमीन बेटे के नाम करने के मामले में आरोपी रिश्वत मांग रहा था, जबकि उसका काम एक नंबर में था। कहीं कोई कमी नहीं थी। उसके बाद भी वह रिश्वत क्यों दे। बाबू आए दिन कोई न कोई बहाना बनाकर फाइल अटकाए हुए था। कुछ दिन पहले ही एक न्यूज पेपर में पढ़ी थी कि रिश्वत मांगने वालों को लोकायुक्त सबक सिखाती है। इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत करने की ठानी थी ।