जबलपुर हाईकोर्ट में विधायकों को मंत्री बनाने पर सुनवाई

विकास पांडे जबलपुर ब्यूरो – विधायकी से इस्तीफा देने के वाबजूद विधायकों को मप्र में मंत्री बनाये जाने के खिलाफ आज जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई …

जबलपुर विधायकी से इस्तीफे के बावजूद 14 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाए जाने को अदालत में चुनौती दी गई है । छिंदवाड़ा की महिला अधिवक्ता अनुराधा भार्गव की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्यपाल और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है । याचिका में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायकों को मंत्री बनाए जाने की पूरी प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया गया है । याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई है कि विधायकी से इस्तीफा देने वालों को प्रदेश में मंत्री बना कर सरकार ने न केवल गलत परंपरा की शुरुआत की है बल्कि इससे संविधान के मूल प्रावधानों का भी उल्लंघन हुआ है । याचिका में कहा गया है कि विशेष परिस्थितियों में ही बिना विधायक और सांसद रहते हुए आम आदमी को मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसी कोई स्थिति निर्मित न होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकी से इस्तीफा देने वाले 14 पूर्व विधायकों को मंत्री पद से नवाजा है जो न्याय संगत नहीं है । सरकार के इस कदम को संविधान के आर्टिकल 164 (4) का उल्लंघन बताते हुए याचिकाकर्ता ने सभी 14 मंत्रियों के पद से निलंबित करने की मांग की है। याचिका पर अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी । गौरतलब है कि छिंदवाड़ा की महिला अधिवक्ता अनुराधा भार्गव ने सबसे पहले इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । मामला चूंकि मध्य प्रदेश से जुड़ा है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार करते हुए मध्य प्रदेश में ही याचिका दायर करने की व्यवस्था दी थी । जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दस्तक दी है ।

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