होशंगाबाद में बेहिचक जारी रेत का अवैध कारोबार
संजय दुबे – मध्य प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई हो पर रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग पाया , कमलनाथ सरकार भी होशंगाबाद जिले में रेत माफियाओं पर कार्यवाही करने में नाकाम सिद्ध हो रही है
होशंगाबाद मध्य प्रदेश में 15 सालों तक राज करने वाली भाजपा भी होशंगाबाद के रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकामयाब हुई थी। प्रदेश में सरकार बदली जिसके बाद आम जनता को उम्मीद थी कि अब शायद साहेब इस अवैध कारोबार परअंकुश लगाने में कामयाब होंगे। पर आज कमलनाथ सरकार को सत्ता में आये एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जिलें में अवैध रेत का खेल बदस्तूर जारी है । अब तो नौबत यहां तक आ गई कि कांग्रेस से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। जिले में रात होते ही ऐसी कोई नदी नहीं जहाँ रेत का उत्खनन न होता हो । नरसिंगपुर से लगी सीमा पर दूधी नदी से रात के अँधेरे में रेत निकालने जेसीबी हाइवा की लम्बी लम्बी लाइने दिख जाती हैं प्रदेश की जीवन दायनी नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन बनखेड़ी से लेकर जिले के सीमावर्ती छेत्र सिवनी मालवा तक चल रहा है। जिला मुख्यालय के बाबई तहशील के राजोन गांव से सरपंच ग्राम पंचायत की आड़ में लीगल लीज की खदान से जेसीबी हाइवा की मदद से उत्खनन करवाने में लगे हैं। नियमानुसार उत्खनन में जेसीबी हाइवा का उपयोग नहीं होना चाहिए उसके बाबजूद खदानो से मशीनों से उत्खनन हो रहा है। इसी तरह तवा नदी से भी उत्खनन का काम जेसीबी से चल रहा है। जिले के माइनिंग विभाग शिकायत के इन्तजार में हमेशा बैठा रहता है। जिले भर से अवैध उत्खनन की शिकायतें विभाग को दिखती ही नहीं। माइनिंग विभाग की नजर में सब वेध हैं। पिपरिया की सभी नदियों से रात के अँधेरे में उत्खनन जारी है। सिवनी मालवा में दिन दहाड़े नदियों से उत्खनन विभाग को दिखता ही नहीं । जिला मुख्यालय से दिन दहाड़े ओवर लोड बगैर रायल्टी के डम्पर निकल्ते रहते हैं । पर सब वेध हैं । होशंगाबाद जिले में रेत के खेल में भिंड मुरैना तक के रेत के व्यापारी होशंगाबाद में अपना आशियाना बनाएं हैं । हैरत की बात तो ये है कि होशंगाबाद जिला मुख्यालय राजधानी के सबसे करीबी जिलों में से एक है और तो और होशंगाबाद संभागीय मुख्यालय भी है यहां सभागीय अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। उसके बाबजूद अवैध रेत का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा।