[rev_slider alias=”home-adv”]
राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो – मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में इन दिनों स्वाइन फ्लू का आतंक है । इंदौर में 19 ओर आस पास के जिलों में 21 लोग स्वाइन फ्लू से तक जान गंवा चुकें हैं। इंदौर उज्जैन संभाग में एच वन एन वन स्वाइन फ्लू के 622 मरीजों में 85 केस पॉजिटिव पाएं गए हैं …
इंदौर उज्जैन संभाग में इन दिनों स्वाइन फ्लू का आतंक है । इंदौर जिले में अब तक स्वाइन फ्लू से 19 मौतें हो चुकी हैं वंही आस पास के अन्य जिलों की बात की जाए तो 21 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ विभाग ने स्वाइन फ्लू से बचाने के लिए उन्नीस अस्पतालों को भी चिन्हित किये है जिसमे मरीज़ का ईलाज़ हो सके साथ ही दवाइया भी निशुल्क दी जा रही है। स्वस्थ विभाग के प्रयास के बावजूद स्वाइन फ्लू के मरीज़ों की संख्या और मौतों में लगातार ईजाफ़ा हो रहा है । एचवन एनवन यानी स्वाइन फ्लू के 622 से अधिक मरीजो की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए भेजी है।जिनमे से इंदौर में 85 केस पॉजिटिव सामने आई वही 59 केस अभी भी पेंडिंग है । मौसम में आ रहे उतार चढ़ाव की वजह से आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में और इजाफा हो सकता है । स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों की माने तो इंदौर के आस पास के जिलों से स्वाइन फ्लू के मरीज समय पर इलाज कराने नहीं आ पाते जिस वजह से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है ।
क्या है स्वाइन फ्लू – एच1एन1 वाइयस से दुनियाभर में 2009 में 18000 मौते हुई थी. सबसे पहले इस बीमारी के लक्षण मेक्सिको में पाए गए थे. भारत में इस बीमारी से अब तक करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी हैं. Relenza और Tamiflu दो एंटीआयरल एजेंट्स हैं जो इस बीमारी से बचाव करते हैं ।
आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय …
क्या है स्वाइन फ्लू: स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है. आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है.

क्या हैं लक्षण: स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना. इसके अलावा सांस भी फूलने लगती है. अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है.

रखें ये सावधानियां

(1) इस बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. खांसते समय और झींकते समय टीशू से कवर रखें. इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें.

(2) बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.

(3) जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए.

(4) स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉंटेक्ट से बचें. हाथ मिलाने से बचें. रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोते रहें.

(5) जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

(6) स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है. ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं.
[rev_slider alias=”home-adv”]