निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश सरकार ने एक नया मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रणाली दोनों लागू होंगी….

प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रणाली दोनों लागू होगी। शिवराज सरकार ने इसका अध्यादेश भी राजभवन भेज दिया है। प्रदेश में सिर्फ महापौर को ही जनता चुनेगी । नगर पालिका और परिषद अध्यक्ष के चुनाव पार्षद द्वारा ही होंगे। अध्यादेश राजभवन चला गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें इस प्रणाली की पूरी जानकारी दी है।नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, क्योंकि शिवराज सरकार ने इस आदेश को दो बार बदला है. दरअसल, पहले शिवराज सरकार ने महापौर और अध्यक्ष का चुनाव जनता के माध्यम से कराने का प्रस्ताव पास किया था। सरकार ने इसके लिए एक अध्यादेश राजभवन भी भेजा था। जिसमें यह स्पष्ट था कि महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता करेगी। लेकिन 16 मई को यह अध्यादेश वापस बुला लिया गया है। जिससे फिर एक बार इस बात का संशय बन गया था कि महापौर और अध्यक्ष का चुनाव कैसे होगा।

इस अध्यादेश की जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा, जबकि नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे। इसको लेकर स्थिति स्पष्ट है. बता दें कि बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं को बीच हुई बातचीत के बात देर रात यह मसौदा तैयार किया है। जिसे अब लागू किया जाएगा। सरकार ने प्रत्यक्ष प्रणाली से ही चुनाव करवाएगी। लेकिन बाद में सरकार ने अध्यादेश पास कर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है। बता दें कि ऐसा पहली बार होगा जब महापौर जनता चुनेगी और अध्यक्ष पार्षद।