बैतूल सुविधाओं के अभाव में गई जान
अरुण सूर्यवंशी बैतूल ब्यूरो – बैतूल जिले का एक ऐसा गांव जो 1800 फिट ऊपर पहाड़ी बसा है , इस गांव तक आने जाने का रास्ता नहीं है जिसके चलते गांव वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है …
बैतूल जिले में आज भी एक गाँव मुलभुत सुविधाओं से बंचित है । घोड़ाडोंगरी ब्लॉक का भंडारपानी गांव 1800 फीट ऊपर पहाड़ी पर बसा है। इस गांव के अधिकांश बच्चों की डिलीवरी गांव में ही होती है क्योंकि गर्भवती ऐसी हालत में नीचे नहीं आ पाती । जग्गो बाई की डिलीवरी होने के बाद मंगलवार को दर्द हाे रहा था । इस पर गांव के लाेगाें ने लकड़ी पर कपड़े की झोली बनाकर उसे कंधों पर 1800 फीट नीचे इमलीखेड़ा (सड़क तक) ले आए । इसके बाद गांव के सरपंच साबू लाल, सचिव मालेकार सरकार ने प्राइवेट वाहन की व्यवस्था की और घोड़ाडोंगरी अस्पताल के लिए महिला व परिजनों को रवाना किया । लेकिन 10 किमी दूर रास्ते में प्रसूता महिला की मौत हो गई। परिजन महिला को लेकर वापस आ गए और कपड़े की झोली बनाकर महिला के शव को गांव ले गए जहां गुरुवार सुबह उसका अंतिम संस्कार किया गया ।
घोड़ाडोंगरी ब्लॉक की नूतनडंगा पंचायत के भंडारपानी गांव की हजारों फीट ऊंची पहाड़ी से उतरने पर इमलीखेड़ा आता है। यहां से घोड़ाडोंगरी सामुदायिक अस्पताल की दूरी महज 25 किलोमीटर और शाहपुर 30 किमी और बैतूल की 50 किलोमीटर है। अगर प्रयास किए जाते तो 20 से 25 मिनट में ही एंबुलेंस मौके पर पहुंचकर महिला को घोड़ाडोंगरी या शाहपुर अस्पताल पहुंचा सकती थी , इससे महिला की जान बच सकती ।