आशीष रावत…..मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अब कांग्रेस की ओर से भी पहली सूची जारी कर दी गई है। श्राद्ध पक्ष खत्म होते ही नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस अपनी पहली सूची जारी कर दी है। कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है। 60 से ज्यादा विधायकों को फिर मौका दिया है।

कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे
पीसीसी चीफ कमलनाथ भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं । छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस ने कमलनाथ को टिकट दिया है । छिंदवाड़ा कमलनाथ का गृह जिला है। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ फिलहाल छिंदवाड़ा से मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एकलौते सांसद है ।

तेंदूखेड़ा से संजय शर्मा
तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने विधायक संजय शर्मा को टिकट दिया है । संजय शर्मा अब तक बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों में रह चुके हैं, खास बात यह है कि वह दोनों ही पार्टियों से विधानसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं । संजय शर्मा 2003 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और चुनाव जीतकर बीजेपी से विधायक बने थे, 2013 में भी वह बीजेपी के टिकट पर ही विधायक चुने गए थे । लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे । संजय शर्मा प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में भी शामिल हैं ।

पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं लक्ष्मण सिंह
अपने भाई दिग्विजय सिंह की तरह लक्ष्मण सिंह भी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वह पांच बार लोकसभा सदस्य और तीन बार विधायक रह चुके हैं। फिलहाल वह गुना की चांचौड़ा सीट से विधायक हैं। उन्होंने 2004 में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा के टिकट पर राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ते हुए 14वीं लोकसभा के सदस्य भी बने थे। लेकिन 2009 में हुए 15वीं लोकसभा के चुनाव में उन्हें इसी सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह 2013 में पुन: कांग्रेस में लौट आए। इस विधानसभा चुनाव में उनकी भाजपा प्रत्याशी प्रियंका मीणा और आप की कैंडिडेट ममता मीणा से टक्कर है।

लगातार तीसरी बार राघौगढ़ से चुनाव मैदान में हैं जयवर्धन
दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह की गिनती प्रदेश के प्रखर और जुझारू युवा कांग्रेस नेताओं में होती है। वह अपने परिवार की परंपरागत सीट राघौगढ़ से लगातार तीसरी बार चुनाव मैदान में होंगे। उन्होंने वर्ष 2013 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था और राघौगढ़ से चुनाव लड़ते हुए पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे। उन्होंने उस चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। 2018 के चुनाव में वह इसी क्षेत्र से लगातार दूसरी बार लगभग 45 हजार मतों से जीते और कमल नाथ सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री बने। वह क्षेत्र में ‘बाबा साहब’ के उपनाम से प्रसिद्ध हैं। इस चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी हीरेंद्र सिंह बंटी से है, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाते हैं। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस छोड़ी थी, तो हीरेंद्र भी उनके साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। हीरेंद्र सिंह के पिता मूल सिंह दादाभाई कांग्रेस से दो बार 1985 और 2008 में विधायक रहे थे।

कांग्रेस 144 उम्मीदवारों की पहली सूची….