मप्र के अस्थायी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर – कोरोना की जांच उपचार होगा प्रभावित

नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – मध्यप्रदेश के साढ़े तीन हजार से अधिक अस्थाई स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने के प्रदेश सरकार के निर्णय के विरोध में प्रदेश भर के अधिकांश अस्थायी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं । ऐसे में कोविड सेंटर में जांच से लेकर दवाइयों और उपचार पर असर पड़ना तय माना जा रहा है । आज प्रदेश भर के अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियों ने जिले के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं । अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि छह माह पहले जब कोरोना संक्रमण की वजह से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी तो इस दौरान सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए संविदा पर स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती की थी लेकिन जब यह संक्रमण धीरे-धीरे निष्प्रभावी हो रहा है । तब सरकार ने इन स्वास्थ्य कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का आदेश जारी कर दिया । इस बात से नाराज कोविड स्वास्थ्य संगठन के सदस्यों ने आज एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा । प्रदेश सरकार ने कोविड 19 के दौरान फार्मासिस्ट , एएनएम व सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की थी । जिन्हें दो दिन पहले आधी संख्या करने का आदेश सरकार ने जारी किया है ।

कोविड 19 के टेस्ट उपचार पर पड़ेगा असर –
कोविड 19 के दौरान फार्मासिस्ट , एएनएम व सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की थी । जिन्हें दो दिन पहले आधी संख्या करने का आदेश सरकार ने जारी किया है । इस आदेश के बाद प्रदेश भर के अधिकांश अस्थायी स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं । इन अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कोरोना कोविड 19 के टेस्ट से लेकर कोरोना पेशेंटों के उपचार पर असर पड़ना तय है । फिलाहाल स्वास्थ्य विभाग के पास इनकी जगह ट्रेंड स्टाफ की कमी होगी । जिसका खामियाजा प्रदेश के कोरोना से पीड़ित मरीजों पर पड़ना तय है ।

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