आलोक सिंह नरसिंहपुर 17 करोड़ का घोटाला , ब्रांच करेली , बैंक दलाल हर्षित लूनावत बना करोड़पति , हितग्राहियों को पता ही नहीं निकल गया लोन , 22 लोगों के नाम 30 लाख से 35 लाख तक के लोन । नीरव मोदी बनने की फिराक में था ।
नरसिंहपुर बैंकों में फर्जीवाड़े की शिकायते आम हो चली है और लोन लेकर बैंक को चूना भी लगाने की घटनाएं सामने आती रही है । पर हम आज जो फर्जीवाड़ा का खुलासा करने जा रहे है वो सुनकर शायद आपको विश्वास नही होगा कि बगैर हितग्राही के बैंक जाए दलाल एव बैंक मैनेजर ने मिलकर करीब 17 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री उधमी योजना एव गोल्ड लोन योजना के माध्यम से बैंक से निकलकर हड़प ली हकीकत यही है ।
बगेर बैंक जाए लाखो के लोने …ओर बगेर गोल्ड दिए गोल्ड लोन … और तो ओर हितग्राही की बगेर जानकारी के बड़े बड़े उधोग भी कागजो में लगा दिए गए …जी हां ये कारनामा हुआ है नरसिंहपुर के करेली में देश की नामी बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा में जहा बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा लगभग 17 करोड़ के लोन पूरी तरह हितग्राहियों के खातों में देने के बाद भी एक भी उधोग मोके पर नही है । ताज्जुब की बात यह है कि हितग्राही न तो बैंक गया और न ही बैंक में उसने कोई हस्ताक्षर किए और हर पीड़ित के खाते से 30 से 35 लाख के लोन पास हो गए और पैसा भी उनके खाते से दलाल के खाते नवकार एसोसिएट में ट्रांसफर भी हो गया । अब हम तफतीस से आपको बताते है कि ये फर्जीवाड़ा आखिर हुआ कैसे …
दरअसल करेली की फर्म लूनावत ज्वेलर्स इस फर्जीवाड़े की वह दुकान है जहाँ से पूरी कहानी लिखी जाती रही लूनावत ज्वेल्स के मालिक गौतम लूनावत उनका पुत्र हर्षित एव अंशुल लूनावत के साथ बैंक मैनेजर अनिमेष मिश्र इस फर्जीवाड़े को बड़े ही शातिराना ढंग से अंजाम देते थे। इन्होंने एक नवकार एसोसिएट के नाम से फर्म बनाई जिसके द्वारा ये किसी भी उद्योग से संबंधित मशीनरीज की सप्लाई बैंक को करते थे उधोग में लगने वाली सभी प्रकार की मशीन यह कच्चा माल सिर्फ इसी फर्म से खरीदा जाता था। हितग्रही के खाते में जैसे ही पैसा आता ये सभी नटवरलाल उस पैसे को इसी नवकार एसोसिएट के खाते में फर्जी बिल के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया करते थे।जब भी कोई व्यक्ति लूनावत ज्वेलर्स पर जेवर गिरवी रखने आता था तो ये लोग उसे लालच देते की बैंक से छोटा मोटा लोन करा देंगे और इसी बहाने उससे बैंक के कागजो पर हस्ताक्षर कर लेते थे और उसके जरूरी कागज़ भी ले लेते थे जिनमे चेक भी होते थे फिर जल्द उसके नाम से लाखों का लोन कराकर डकार जाते कई कई बार हितग्रहियों को कुछ रुपये मिल भी जाते और उससे कह दिया जाता कि तुम्हारा इतना ही लोन हुआ है। ओर यदि हितग्रही ओर पैसे मांगता तो ये लोग उसका चेक लगाने की धमकी भी दिया करते थे। आज भी कई पीड़ित सिर्फ चेक के डर की वजह से अपनी शिकायत नही करा पाए है । यदि पीड़ितों की माने तो लोगो की फिक्स डिपाजिट तक को निकालकर अपने व्यापार में लगा दिया। एक पीड़ित ने तो अपने रिश्तेदारों से 14 लाख उधर लेकर बैंक में FD कराई थी ताकि पूरा लोन हो जाने पर वापस करूंगा पर वह अपनी FD भी खो चुके है । इस फर्जीवाड़े में उधोग के नाम पर करीब 22 लोगो के 30 से 35 लाख के लोन पास करए ओर अपनी फर्जी कंपनी नवकार एसोसिएट के माध्यम से कही मशीनरीज तो कही अन्य मदो में हितग्रही के सारे पैसे अपने खाते में जमा कर लिए। इनका रसूख इतना है कि लोग शिकायत करने में डरे हुए है कि न जाने ये फर्जी लोग आगे किस मामले फसा देगे।
अब दूसरे मामले की बात करे तो बैंक में गोल्ड लोन पास करने के लिए भी एक विशेषज्ञ को नियुक्त किया जाता है जो गोल्ड लोन लेने वाले हितग्राही के गोल्ड की चेकिंग कर यह बताता है कि ग्राहक के द्वारा दिया गया गोल्ड सही है या नही ओर इस पर कितना लोन दिया जा सकता है । इस गोल्ड लोन के लिए भी इसी दलाल लूनावत ज्वेलर्स के हर्षित एव अंशुल को गोल्ड विशेषज्ञ निनुक्त कर दिया गया और बैंक मैनेजर अनिमेष मिश्रा एव लूनावत ने मिलकर नकली सोने को भी असली बताकर लोन पास करवाये क्योकि इसकी खुद की ज्वेलरी की एक बड़ी शाप है । हर्षित ने नकली सोना लेकर बैंक में रखवाया ओर कडोरो का फर्जीवाड़ा कर डाला बाद में तो बगेर सोना लाये ही बैंक मैनेजर ने गोल्ड लोन कर दिए। कई लोगो के गोल्ड लोन हुए पर वो बेक आये ही नही क्योकि दलाल हर्षित लूनावत बैंक के पेपर पानी दुकान पर मंगवा लेता था। लोगो का तो यहाँ तक कहना है कि यह लोगो से यहां तक कहता था कि यह बैंक ऑफ बड़ौदा नही बल्कि बैंक ऑफ हर्षित है।
जहा लोग उधोग विभाग एव बैंक के चक्कर लगाकर थक जाते है और उनके लोन पास नही हो पाते ऐसे में एक ही परिवार लूनावत ज्वेलर्स के परिवार में दर्जन भर लोगो के लोन उधोग विभाग ने पास कर एक ही बैंक को भेज दिए। यह भी उधोग विभाग को कटघरे में खड़ा करता है हालाकि विभाग के अधिकारी अब सफाई दे रहे है कि हम जांच कराएंगे की यदि मोके पर उधोग नही है तो बैंक सहित हितग्रहियों पर भी कार्यवाही होगी । पर सवाल यह है कि यह विभाग ने इतने दिनों से क्यो कुछ नही किया जाहिर सी बात है सब मिले हुए है। अब परेशान लोग लुटे पिटे से पुलिश थाने पहुच रहे है और अपनी शिकायत दर्ज करा रहे है हालाकि पुलिश ने जांच शुरू कर दी है पर यहा भी वही सवाल है कि इन नटवरलालो पर कब और कितनी कार्यवाही होगी क्योंकि लूनावत ज्वेलर्स के परिवार के संबंध बीजेपी से काफी नजदीकी है ।
इस मामले में जिले के कलेक्टर प्रथमिक तोर पर बैंक को दोषी मानते है साथ ही वे पूरे मामले में जांच कर कार्यवाही की बात कर रहे है । सरकार की उधमी योजना और किसान गोल्ड लोन योजना की जमीनी हकीकत को बयां करती ये फर्जीवाड़े की कहानी में अभी और भी खुलासे हो सकते है बाबजूद जांच सही और इमानदारी से हो वर्ना नरसिंगपुर के ये रसूखदार नटवरलाल कब नीरव मोदी की तरह भाग जाए पता ही नही चलेगा।