नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो…..भोपाल के जंबूरी मैदान में ब्राह्मण महाकुंभ आयोजित हुआ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्राह्मण महाकुंभ में ऐलान करते हुए कहा, भगवान परशुराम जयंती के दिन मध्यप्रदेश में सरकारी छुट्‌टी रहेगी , संस्कृत विद्यालय के 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 8 हजार रुपए, 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे

ब्राह्मण महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि दुनिया आज एक है तो ब्राह्मण समाज के कारण है। हमारी संस्कृति और परंपरा को बचाकर रखने का काम ब्राह्मणों ने क्रिया है। दुनिया को मंत्र देने वाले ब्राह्मण हैं। रबींद्र नाथ टैगोर, आर्यभट्ट भी ब्राह्मण थे। उन्होंने कहा कि भोपाल में ब्राह्मण समाज को उपलब्धता की आधार पर जमीन दी जाएगी। पुजारियों को पांच हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। निर्धन ब्राह्मण परिवार के एक बच्चे की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। भगवान परशुराम जयंती (प्राकट्य उत्‍सव) पर प्रदेश में शासकीय अवकाश रहेगा। इसके साथ सीएम ने यह घोषणा भी की कि संस्कृत के छात्रावासी पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को आठ हजार रुपए और 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि यह हम पहले भी कह चुके हैं कि पाठ्य पुस्तकों में भगवान परशुराम जी की गाथा पढ़ाई जाएगी।

ब्राह्मण महाकुंभ में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा, मंदिरों पर शासन करने का अधिकार सरकार को नहीं है। धर्मनिरपेक्ष सरकार किसी भी मंदिर का अधिग्रहण कैसे कर सकती है। ब्राह्मणों में अनेकता होने के कारण दूसरे लोग आप पर शासन करते हैं। जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता। ब्राह्मण हर पार्टी में चला गया है। अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने समाज का उत्थान करें।
धर्म परिवर्तन पर बात रखते हुए जगद्गुरु ने आगे कहा, जिस जाति से आपके माता-पिता हैं, वह जाति कभी परिवर्तित नहीं की जा सकती। इसलिए किसी को भी धर्म परिवर्तन करने की आज्ञा प्रदान नहीं की जाती है।उन्होंने कहा, जिस धर्म में हम पैदा हुए हैं, क्या उसके गुण-दोष जानते हैं? जिस धर्म का त्याग कर रहे हैं, उसमें क्या कमी है या क्या गुण और दोष हैं? और जिस धर्म में जा रहे हैं, उसके गुण या दोष जानते हैं? गुण और दोष का निर्णय करने में बौद्धिक समझ है क्या? इसी अज्ञानता के कारण लव जिहाद जैसे षड्यंत्र किए जा रहे हैं। इस बात का ख्याल रखिए कि राम हमारे आराध्य हैं, आराध्य थे और रहेंगे। कुछ लोग चाहते हैं कि तुमसे भगवान छीन लिए जाएं, लेकिन परमात्मा हमसे दूर नहीं जा सकता और हम उसके बिना नहीं रह सकते।

 

ब्राह्मण समाज ने ये मांगें रखीं……

प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का गठन हो। इसमें राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाए जाए। सामाजिक काम करने वालों को ही अध्यक्ष बनाया जाए।

एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के FIR नहीं लिखी जाए और न ही गिरफ्तारी की जाए। इस एक्ट को समाप्त किया जाए।

ब्राह्मण वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मध्यप्रदेश में 14% आरक्षण का लाभ दिया जाए। SC/ST, OBC जैसी सुविधाएं दी जाएं।

समाज के छात्र-छात्राओं के लिए शासन जिला और तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था करे। नाम परशुराम छात्रावास रखा जाए।

OBC की तरह आठ लाख से नीचे आय वाले ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए। स्टूडेंट्स को फ्री सरकारी आवेदन की पात्रता दी जाए।

भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।

भारत के सभी मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त रखा जाए। इनका नियंत्रण मंदिर के संस्थानों को साथ दिया जाए।

1980 से आज तक मंदिरों का सर्वे नहीं हुआ है। सर्वे करवाकर सभी सार्वजनिक मंदिरों के पुजारियों को 10 हजार रु. प्रतिमाह मानदेय दिया जाए। चढ़ावे में हिस्सा 50% किया जाए।

मंदिरों से हुई धर्मस्व की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णोद्धार, गुरुकुल और गोशाला संचालन के लिए शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए।

कथावाचक, साधु – संतों और ब्राह्मण समाज पर अपशब्द बोलने एवं अपमानित किए जाने की दशा में कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया जाए।
ब्राह्मण अत्याचार निवारण अधिनियम ( एट्रोसिटी एक्ट बनाया जाए।

क्रांतिकारी पंडित चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे की तरह देश पर मर मिटने वाले अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन को सम्मान दिया जाए। आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

ब्राह्मण समाज को विभिन्न सामाजिक धार्मिक और लोक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।
जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते हैं, वहां OBC और SC/ST को टिकट न दिए जाएं।