आशीष रावत …. मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल ही में पिपरिया में जनआशीर्वाद यात्रा और प्रदेश स्तर के किसान समृद्धि सम्मेलन में शामिल हुए थे । पिपरिया की सामाजिक संस्था जय माता दी समिति ने मुख्य मंत्री को पिपरिया जिला बनाने का आग्रह किया था। छेत्र की जनता को उम्मीद थी कि मुख्य मंत्री जी इस जनआशीर्वाद यात्रा में घोषण कर जायेंगे पर जनता को मायूसी ही हाथ लगी। पिपरिया छेत्र की काफी समय से पिपरिया को जिला बनाने की मांग चली आ रही है। पिपरिया को जिला बनाने के लिए छेत्र की अलग अलग सस्थानो ने समय समय पर इस मांग को उचित मंचो पर उठाया है। पिपरिया का हाल के वर्षो में जो विकास हुआ है उससे पिपरिया का जिला बनना आवश्यक हो चला है। पिपरिया में रायसेन के बरेली से किसान व्यापारी नरसिहपुर के गाडरवाड़ा से व्यापारी किसान छिंदवाड़ा जिले के तामिया तक की जनता सोहागपुर की भी जनता प्रतिदिन कुछ न कुछ काम से आती रहती है। पिपरिया की कृषि उपज मंडी प्रदेश में A ग्रेड की मंडियों में शुमार है। पिपरिया में ही प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी भी आता है। पिपरिया की भौगोलिक सरचना भी कहती है कि ये जिला बनना चाहिए। पिपरिया तहशील और बनखेड़ी तहशील से जिला मुख्यालय की दुरी 100 किलो मीटर से ज्यादा है। छेत्र की जनता काफी लम्बे अरसे से जिला बनाने की जायज मांग उठा रही है वंही सत्ता रूढ़ भाजपा के विधायक से लेकर अन्य नेताओ को भी इस मांग की जानकारी है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चोहन के सामने भी कई बार पिपरिया को जिला बनाने की मांग को उठाया जा चूका है उसके बाबजूद सत्ता रूढ़ दल का पिपरिया के प्रति कोई ध्यान नहीं होने से छेत्र की जनता में आक्रोश है वंही मप्र के छोटे छोटे जिलों के अस्तित्व में आने से भी छेत्र की जनता में मायूसी है। पिपरिया विधानसभा से भाजपा को रिकार्ड तोड़ मतो से 2013 के चुनाव में जनता ने जिताया था अब एक बार फिर चुनाव का बिगुल बज गया है ऐसे में पिपरिया को जिला बनाने की मांग फिर तेज हो गई है चुनावी समर में इस मुद्दे को कोन भुना पता है ये तो समय बताएगा। बरहाल यदि इस मामले को कांग्रेस ने भुना लिया तो निश्चित ही पिपरिया विधान सभा सीट कांग्रेस की झोली में जाना तय है।