विवेक पांडेय भिंड ब्यूरो – भिंड जिले में इन दिनों प्रधान मंत्री आवास योजना मजाक बन गई है , शासन ने आवास बनाने की अनुमति तो दे दी पर बगैर सुविधाओं के कैसे हितग्राही बनाएं अपना आशियाना …
भिंड जिले में प्रधान मंत्री आवास के लिए ना बिजली ना पानी निर्माण कार्य के लिए रखा मटेरियल हो रहा है चोरी ,आखिर कैसे हो प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवासों का निर्माण कार्य ? ये सवाल इन दिनों हितग्राहियों की जुबान पर हैं
जिले के लहार नगर के सिजाईपुरा गांव के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कर रहे हितग्राहियों ने जिला कलेक्टर से की मांग की है कि उन्हें मुलभुत सुविधाएँ तो मिलें । नगर पालिका लहार छेत्र में इस समय प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सिजाईपुरा गांव के पास आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है आवासों का निर्माण करा रहे हितग्राहियों ने बताया कि शासन द्वारा उन्हें आवास तो स्वीकृत कर दिए गए हैं लेकिन नगरपालिका लहार के उदासीन रवैया के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । हितग्राहियों ने बताया गया कि नगर पालिका लहार द्वारा जगह तो उन्हें स्वीकृत करके दे दी गई है लेकिन मौके पर ना तो पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही बिजली की व्यवस्था जिसके कारण भवन निर्माण कार्य में काफी परेशानी आ रही है वही भवन के निर्माण के लिए जब मटेरियल डाल दिया जाता है तो रात के अंधेरे में लोग सामान चोरी कर ले जाते हैं । उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सिजाईपुरा गांव के पास लगभग एक सैकड़ा के करीब आवासों का निर्माण चल रहा है हितग्राहियों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि उक्त स्थान पर नगर पालिका प्रशासन को आदेशित कर बिजली एवं पानी की व्यवस्था कराई जाए जिससे हितग्राही जल्द से जल्द उक्त भवनों का निर्माण कार्य करा कर के रह सके।
2000 रु देकर पानी खरीद रहे हैं भवन निर्माण करा रहे हितग्राही
बातचीत के दौरान मौके पर मौजूद भवन निर्माण करा रहे लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा आए दिन उनके आवास अस्वीकृत करने की धमकी दी जाती है जिसके कारण मजबूरी बस ₹2000 देकर पानी खरीद कर के भवन का निर्माण कार्य करा रहे हैं वही भवन के निर्माण के लिए डाला जा रहा मटेरियल भी आए दिन चोरी हो रहा है उक्त जगह पर अभी तक नगर पालिका द्वारा सड़क की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण मटेरियल लाने में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन नगर पालिका प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
“ना लेखा-जोखा ना कोई वही जो नगरपालिका कहे वही है सही”
मौके पर मौजूद हितग्राही ने बताया कि नगर पालिका द्वारा उन्हें भवन के निर्माण करने के आदेश तो सुना दिए गए हैं लेकिन अभी तक लिखित में उन्हें कोई कागज नहीं दिए गए इस बारे में जब नगर पालिका प्रशासन से जानकारी ली जाती है तो बताया जाता है कि भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद आवास स्वीकृत होने के कागज दिए जाएंगे जिसके कारण कई हितग्राहियों में असंतोष व्याप्त है । कई हितग्राही तो कहते हैं कि बाद में ऐसा ना हो कि हमारे पास “ना तो कोई लेखा-जोखा है और ना ही कोई वही” “बाद में जो नगरपालिका बोले वही ना हो जाए सही?”
शासन द्वारा स्वीकृत कॉलोनी के लिए क्या है नियम ?
प्रशासनिक स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार शासन द्वारा यदि कोई कॉलोनी स्वीकृत की जाती है तो सबसे पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा उक्त स्थान पर बिजली पानी सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं सबसे पहले दी जाती हैं । इसके बाद उस स्थान पर भवन निर्माण आदि का कार्य कराया जाता है यदि लहार नगर पालिका द्वारा कॉलोनी स्वीकृत करने के बावजूद भी सुविधाएं नहीं दी जा रही है तो इस और शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए ।