नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – देश में पहली बार किसी कोरोना संक्रमित मरीज की डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया गया है , इस पोस्टमॉर्टम का मुख्य उद्देश्य कोरोना मरीज पर रिसर्च करना था …
भोपाल कोरोना वायरस संक्रमण की बीमारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। यहां तक की संक्रमित की मौत के बाद डेडबाॅडी भी परिजनों को नहीं सौपी जाती है। इस कठिन समय में भोपाल एम्स ने कोरोना पर रिसर्च करने का एक और तरीका ढूंढ निकाला है। देश में पहली बार कोरोना संक्रमित की मौत के बाद भोपाल एम्स ने रिसर्च के लिए संक्रमित की डेडबीडी का पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम से कोरोना वायरस के असर से शरीर के अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव की भी पड़ताल की जाएगी। आईसीएमआर की मंजूरी के बाद एम्स भोपाल में 58 वर्षीय एक मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से इस रिसर्च के लिए पोस्टमार्टम की अनुमति मांगी। मृतक के परिजनों की सहमति मिलने के बाद बीते रविवार को पोस्टमार्टम किया गया । कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद रिसर्च के लिए पोस्टमार्टम का देश में ये पहला मामला है।
भोपाल AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर सरमन सिंह ने बताया कि ‘पोस्टमॉर्टम से शरीर के अंगों पर कोरोना वायरस के पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी मिल सकेगी । संक्रमित होने के बाद दिल , फेफड़े , दिमाग या दूसरे अंगों पर वायरस किस तरह से और कितना असर करता है इसकी जानकारी भी मिल सकेगी। फॉरेंसिक मेडिसिन के अलावा तीन अन्य विभागों की टीम ने भी करीब दो घंटे तक शव का पोस्टमॉर्टम किया है। जिससे पता चल सकेगा कि शरीर में इस वायरस का प्रभाव कहां तक पड़ता है।