[rev_slider alias=”small_ad”]प्रवीण दुबे खंडवा ब्यूरो – प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर के लगभग 70 हजार आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए गए। जिनमें से लगभग 50,000 से अधिक ट्रांसफर की प्रक्रिया भी हो चुकी है। जिसके चलते मध्य प्रदेश की जमी जमाई शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। सरकार की इस ट्रांसफर नीति पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं एक और तो कांग्रेस ने चुनाव पूर्व अतिथि शिक्षकों से 3 माह में निर्णय लेकर नियमित करने का वादा करते हुए वचन दिया था वहीं अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि प्रदेश में बनी कमलनाथ सरकार अपने वादे से मुकर गई और प्रदेश में जमी जमाई शिक्षा व्यवस्था को धूमिल करने पर तुली है जिसके चलते कमलनाथ सरकार ने पहले तो अतिथि शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन करवाये और अब अंधाधुन हो रहे ट्रांसफर। ग्रामीण क्षेत्र की खाली हो रही स्कूलों और शिक्षा से वंचित हो रहे छात्रों प्रदेश के भविष्य के विषय मे स्कारआत्मक निर्णय ले । आमंत्रण देकर उन्हें नियुक्ति दी। लेकिन अब ऑनलाइन नियमित शिक्षकों से करवाए गए ट्रांसफर के आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें रिलीव कर नवीन पदस्थापना पर भेजा जा रहा है। जहां वर्तमान में कार्यरत अतिथियों को हटाया जा रहा है जिससे अतिथियों शिक्षकों पर मुसीबत बन आई है। जब सरकार को ट्रांसफर ही करना था तो अतिथियों को क्यों रखा पहले ट्रांसफर कर लेती फिर अतिथियों की नियुक्ति करती अब ट्रांसफर के चलते हर एक रेगुलर शिक्षक शहर में सुविधाजनक घर के पास वाली शाला में आना चाहता है जिसके चलते सुदूर ग्रामीण अंचल के स्कूल खाली होती नजर आ रही हैं जिससे कि शिक्षा प्रणाली वर्तमान चालू सत्र में प्रभावित हो रही है और सरकार की इस कार्यवाही पर सवालिया निशान उठ रहे हैं सरकार पर ऐसी क्या बन आइ कि जमे जमाए शिक्षा सेटअप पर ट्रांसफर मुहिम चलाकर सरकार किसे नुकसान पहुंचाना चाहती है और किसे फायदा। क्या सरकार की नियत दूर-दूर तक कुछ भी स्पष्ट नहीं दिखाई देता।अतिथि शिक्षकों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र मे हमें वचन दिया था सरकार बनते ही आप लोगों को 3 माह में नियमित किया जाएगा लेकिन सरकार मात्र विचार करने की बात कह रही है और अपने वचन से पलट रही है। वही जिन नियमित शिक्षकों से कोई वादा नहीं किया था कोई वचन नहीं दिया था उनका ट्रांसफर चाहे गए स्थान पर कर रही है जिससे कि अतिथि शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं । पीडित अथिति शिक्षको ने कहा कि कमलनाथ सरकार को अतिथि का मतलब ही नहीं मालूम अतिथि शिक्षक किसे कहते हैं हमारी संस्कृति में आतिथि को सा सम्मान बुलाया जाता है वह भी अगर अतिथि शिक्षक (गुरु) हो तो गुरु प्रधान देश में अतिथि शिक्षक की यह दुर्दशा निंदनीय है।कमलनाथ सरकार ने पहले तो अतिथियों को ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से बुला लिया और आप नियमित शिक्षकों के मनचाहे स्थान पर ट्रांसफर कर अतिथियों को भगा रही है यह कैसा अतिथि शिक्षकों का सम्मान छोटे से वेतन की लालच में परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति और बच्चों को अच्छा एजुकेशन देने की आस में अब वह फिर नई जगह आवेदन करें और चंद रुपयों के वेतन में ग्रामीण क्षेत्रों में जा जाकर शिक्षा दें और अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे हमारे सामने मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है कमलनाथ सरकार की इस वचन खिलाफी से पीडित अतिथि शिक्षक संघ शीघ्र ही भोपाल में वचन याद निभाओ सीएम कमलनाथ कार्यक्रम करेगा और सरकार से मांग करेगा की नियमित शिक्षकों के ट्रांसफर निरस्त कर शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित होने से बचाएं और अतिथियों के विषय में सकारात्मक निर्णय लें ।
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और हमारे FACEBOOK PAGE को LIKE जरूर कीजिए , और अधिक खबरों के लिए पढते रहिये rajdhani 24×7 , VIDEO NEWS के लिए विजिट करे हमारे यू ट्यूब चैनल सब्सक्राइब करे… rajdhani24x7
rajdhani 24×7 news > facebook
rajdhani 24×7 news > youtube
rajdhani 24×7 news > mobile application google play store [rev_slider alias=”home-adv”]