नीलेंद्र मिश्रा ब्यूरो भोपाल – मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही खाद की किल्लत हो गयी है,कर्ज़ से राहत पा रहे किसान अब खाद की कमी से परेशान हैं. सीएम कमलनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और फौरन मंत्रालय में कृषि विभाग के अफसरों की बैठक बुलायी , केंद्र सरकार से खाद की सप्लाई रोकने से ये हालात पैदा हुए हैं , खाद की कमी ने कमलनाथ सरकार की चिंता बढ़ा दी है. पूरे प्रदेश से किसानों के प्रदर्शन की ख़बरें आयीं तो सीएम कमलनाथ ने तत्काल कृषि विभाग के अफसरों की बैठक बुलाइ । सी एम ने अफसरों से मैराथन चर्चा की ।
खाद की किल्लत इसलिए पैदा हुई क्योंकि राज्य में सरकार बदलते ही केंद्र से खाद की आपूर्ति अचानक रोक दी गयी । मध्यप्रदेश को 3 लाख 70 हज़ार मीट्रिक टन खाद की ज़रूरत है । लेकिन इस महीने सिर्फ 1 लाख 90 हजार मीट्रिक टन खाद दी गयी । प्रदेश को रोज़ाना करीब 8 रैक खाद चाहिए । खाद की किल्लत होते ही हड़कंप मचते ही सीएम कमलनाथ ने अफसरों की बैठक बुलायी । कमलनाथ ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से बात की ।
कृषि विभाग ने करीब 85 रैक खाद की मांग की है । केंद्र ने इसकी पूर्ति का आश्वासन दिया है । सूत्रों की मानें तो सरकार बदलने के बाद खाद की सप्लाई पर असर पड़ा है । जबकि पिछले महीने 3.70 लाख मीट्रिक टन की डिमांड के मुकाबले 4 लाख 10 हज़ार मीट्रिक टन खाद केंद्र की ओर से भेजी गई थी. मध्य प्रदेश में इस साल गेहूं का रकबा भी बढ़ा है । पिछली बोनी के आंकड़ों की बात करें तो 40 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 52 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुआई की गई है।
वंही दूसरी ओर किसान प्रदेश में ज्यादा दाम देकर खाद खरीदने पर मजबूर है। खाद की कालाबाजारी बढ़ गई है ।