आशीष रावत … पिपरिया आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिले की चारों विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी स्वयं को क्षेत्र का योग्य प्रत्याशी मानकर पार्टी के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं । जिसके चलते इस बार वर्तमान पार्टी के विधायकों के साथ ही पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी विधानसभा चुनाव के लिए संगठन से टिकट की मांग कर रहे हैं। आरक्षित वर्ग पिपरिया विधानसभा की सीट होने के कारण इस बार योग्य प्रत्याशियों का भी रूझान पिपरिया विधानसभा सीट पर है। पिपरिया विधानसभा सीट से इस बार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा महिला विंग की जिला प्रभारी सीमा कैथवास भी संगठन के समक्ष विधानसभा टिकट के लिए अपना मजबूत दावा प्रस्तुत कर रही हैं। इटारसी निवासी सीमा कैथवास की मां स्व. शांतिबाई कैथवास इटारसी में करीब 18 साल पहले पार्टी की कर्मठ पदाधिकारी रह चुकी हैं। उस दौरान क्षेत्र के सांसद सरताज सिंह हुआ करते थे और तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी। उस दौरान से कैथवास परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ है। अब स्व. शांति देवी की बेटी सीमा कैथवास सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ ही वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा से जिला मीडिया प्रभारी होने के साथ ही अब जिले के संगठन ने उन्हें महिला विंग का जिले का दायित्व सौंपा है। सीमा कैथवास वर्तमान में समाज कार्य से पीएचडी कर रहीं हैं। वह कम्प्यूटर साइंस में एमएससी हैं। पूर्व में सीमा कैथवास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जिला छात्रा प्रमुख भी रह चुकी हैं। सीमा कैथवास जय भारत मंच की मीडिया प्रभारी भी हैं। साथ ही जिला मुख्यालय पर अपनी पत्रकारिता के दम पर निरंतर समाज में पीडि़त एवं शोषित महिलाओं सहित बच्चियों के हक में लड़ाई लडऩा व प्रशासन के सहयोग से न्याय दिलाने का कार्य भी निरंतर कर रही हैं। स्कूल कॉलेज में शैक्षाणिक गुणवत्ता के सुधार के लिए भी कार्य कर रही हैं। महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी में अटल बाल पालक के रूप में भी कार्य कर रही हैं। सीमा कैथवास ने बताया कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि वह पिपरिया विधानसभा से भाजपा से प्रत्याशी होकर क्षेत्र में विकास के कार्य करना चाहती हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक, युवाओं को रोजगार सहित किसानों की समस्याओं और विकास कार्यों पर प्रमुखता से कार्य करना चाहती हैं। वह कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षित होकर स्वयं के पैरों पर खड़ा करने का बीड़ा भी उठाना चाहती हैं। उनका मानना है कि अब समय आ गया है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर हो और जो लोग आर्थिक सक्षम हो चुके हैं उन्हें सामान्य वर्ग की तरह कमजोर लोगों को मदद कर सक्षम बनाने में कार्य करना चाहूंगी ।