विकास पांडे जबलपुर ब्यूरो /जगदगुरु स्वामी शंकराचार्य स्वामी स्वारुपानंद जी का आज बडा बयान आया है । जबलपुर मे पत्रकारो से रुबरु होते हुए शंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान मे देश गलत दिशा मे जा रहा है क्योकि जो राजनेता है वो अब समरसता के नाम पर समाज को बाँट रहे है । समरसता को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि दलित के नाम पर ये कानून बना दिया है कि अगर जाति से संबोधित किया जाए तो बिना विचार किए है छह माह की सजा दे दी जाऐगी और इसके लिए आपको समय भी नही मिलेगा कि आप अपना बचाव कर सके ।वही राम मंदिर को लेकर उन्होने कहा कि अयोध्या मे राम मंदिर बनाने के लिए पूरे देश के लोग एक जुट हो गए इसके लिए सरकार ने आश्वासन भी दिया कि जल्द ही राम जन्म भूमि पर ही राम मंदिर बनवाया जाऐगा पर अब जबकि सरकार को अपना वादा पूरा करने का समय आया तो जिस तरह से सरदार वल्लभ भाई पटेल की गुजरात मे प्रतिमा बनवाई गई है अब सरकार सरायू नदी के किनारे भी भगवान राम की मूर्ती बनवाई जाऐगी । स्वामी शंकराचार्य के इस फैसले पर अपत्ति जताते हुए कहा कि जितना पैसा सरकार भगवान राम की मूर्ती बनवाने मे करेगी उतने पैसे मे अय़ोध्या मे राम मंदिर बन सकता है । जगदगुरु शंकराचार्य ने भगवान राम की मूर्ती के लिए करीब 3000 करोड़ रु खर्च कर रही है पर इतने पैसे मे अगर मंदिर बन सकता है तो मूर्ती की जरुरत क्या है । शंकराचार्य ने राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है कि जिस तरह से 11 वी शताब्दी मे चाणक्य नरेशो ने एक मंदिर का निर्माण किया था उसी तरह से अयोध्या मे भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए । इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अदित्यनाथ के इस बयान पर भी स्वामी शंकराचार्य ने अपनी अपत्ति जताई है जिसमे कि योगी ने हनुमान जी को दलित बताया था।शंकराचार्य ने कहा कि जिस समय भारतीय जनता पार्टी बनी थी क्या उस समय हनुमान जी थे पर अब भाजपा हनुमान जी का नाम लेकर अपनी पार्टी का नेता उन्हे बना रहे है।वही अयोध्या मे स्थित बाबरी मस्जिद को लेकर स्वारुपनंद महाराज ने कहा कि वहाँ पर कभी भी बाबरी मस्जिद थी ही नही उस स्थान पर पहले खंभे और मंगल कलश बना हुआ था पर मस्जिद का नाम भाजपा और बीएसपी वालो ने कुछ इस तरह का नारा देकर बनाया है कि तेल लगाओ ड़ाबर का नाम मिटाओ बाबर का….मध्यप्रदेश मे किसकी सरकार बन रही है उस जवाब को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि मैं इस विषय मे कुछ नही कह सकता हू क्योकि चुनाव खत्म होने के बाद ही मैं मध्यप्रदेश मे कदम रखा है।अंत मे आरएसएस को लेकर भी उन्होने कहा कि ये पहले से ही घोषित है कि संघ के कार्यक्रम मे सरकारी कर्मचारी शामिल नही हो सकते है ।