संजय दुबे – होशंगाबाद जिले के पिपरिया विकास खण्ड में दो दर्जन आंगनवाड़ी भगवान भरोसे चल रही हैं । पिपरिया विकास खण्ड में काफी समय से आंगनवाड़ियों में कार्यकर्ताएं सहायिकाएं मुख्यालाय से दूर शहर में रहकर ग्रामीण छेत्रो में अपडाउन कर रही हैं । विकास खण्ड की करीब दो दर्जन आंगनवाड़ी अप डाउन कर रहे स्टाफ के भरोसे चल रही है । ऐसा नही कि इन आंगनवाड़ियों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को न हो । उसके बाबजूद बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ बदस्तूर जारी है । पिपरिया विकास खंड में की करीब दो दर्जन आंगनबाड़ियों का स्टाफ पिपरिया से आप डाउन कर रहा है । पिपरिया विकाश खंड में कुल 188 आंगनवाड़ियों में 7 स्केटर बनाये गए हैं जिनमे 7 सुपरवाइजरों की तैनाती है । इन आंगनवाड़ियों की मॉनिटरिंग सेक्टर सुपरवाईजरों की जबाबदारी होती है पर मानटरिंग तो दूर की बात इन सुपरवाइजरों ने कभी आंगनबाड़ी सहायिकाओं कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही नहीं की । शासन के नियमानुसार आंगनवाड़ियों में नियुक्ति की पहली शर्त यही है कि आपकी नियुक्ति जिस मुख्यालय पर हो वन्ही आपको निवास करना है अगर आपके द्वारा अप डाउन किया जाता है तो आपकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है । विभाग द्वारा कई बार इन अपडाउन करने वाली कार्यकर्ताओ सहायिकाओं को लिखित में अल्टीमेटम दिए जा चुके है उसके बाबजूद अपडाउन करने वाली सहायिकाओं कार्यकर्ताओ को कोई फर्क नहीं पड़ता। विभाग के अधिकारी अपडाउन करने वालो को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर खानापूर्ति करते नजर आते है । शिकायत मिलने पर सिर्फ कारण बताओं नोटिस जारी कर विभागीय अधिकारी अपडाउनरों को बचाते हैं ।
क्या कहते हैं अधिकारी …
पिपरिया विकास खंड में कुल 188 आंगवाड़ियाँ चल रही हैं। 7 सेक्टर बना कर सुपरवाइजरों को इनकी मॉनिटरिंग कराई जाती है। हां मेरी जानकारी में हैं विकास खंड की करीब दो दर्जन आगनवाड़ियाँ में कार्यकर्ता सहायिकाएं अपडाउन करती हैं मुख्यालय पर नहीं रहती हैं । हम इनको कारण बताओं नोटिस जारी कर जबाब मांगेंगे । पूर्व में भी मेरे द्वारा इनको कारण बताओं नोटिस जारी किये जा चुके हैं । प्रमोद गौर परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास पिपरिया