प्रमोद गुप्ता … सारणी दीपावली का समय करीब है और सतपुड़ा ताप विधुत ग्रह को पर्याप्त कोयला ना मिलने की वजह से सारणी की दो इकाइयां बंद चल रही है । कोयले की कमी की वजह से क्षमता से कम बिजली का उत्पादन सारणी के पावर प्लांट से किया जा रहा है सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में कम से कम 1 लाख 50 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए । लेकिन कोयले की कमी को देखते हुए कंपनी के पास 3 दिनों का कोयला बचा हुआ है, जो 56 हजार टन के आसपास बताया जा रहा है। जिसकी वजह से इकाइयों को कम लोड पर चलाया जा रहा है जबकि छह और सात नंबर इकाई को कोयले की कमी को देखते हुए बंद रखा गया है।
नहीं मिल रहा पर्याप्त कोयला
सारणी की इकाइयों को संचालित करने के लिए प्रतिदिन 28 हजार मेट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है ।लेकिन वर्तमान समय मे सारणी की इकाइयों को महज 3 से 4 हजार ही टन कोयला मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में सारणी की इकाइयों को संचालित करना संभव दिखाई नहीं दे रहा । बताया जाता है कि सोमवार के दिन सारणी मे रेलवे ट्रैक के माध्यम से एक भी मेगन कोयला नहीं पहुंच पाए जबकि मंगलवार एक वेगन कोयला सारणी पहुंच पाया । ऐसी दो स्थितियों में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की इकाइयों से बिजली का उत्पादन ले पाना संभव नहीं दिखाई दे रहा है ।
डिमांड बढ़ी और कोयला घटा
मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों की मानें तो संपूर्ण प्रदेश में प्रतिदिन 11 से 12 हजार मेगा वाट बिजली की आवश्यकता पड़ेगी ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में कोयला चाहिए लेकिन कोयले की कमी की वजह से मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी अपने इकाइयों का संचालन नहीं कर पा रही है । सारणी की 200 मेगा वाट की 6 नंबर और 210 मेगा वाट की सात नंबर इकाई को कोयले की कमी की वजह से बंद किया गया यही स्थिति रही तो आने वाले समय ग्रामीण क्षेत्र में ब्लैक आउट की स्थिति हो सकती है।
सुबह के समय बढ़ रही है डिमांड
जैसे-जैसे संपूर्ण प्रदेश में ठंड का माहौल उत्पन्न होते जा रहा है । वैसे-वैसे बिजली का आवश्यकता बढ़ती जा रही है । बताया जाता है कि सुबह से लेकर दोपहर के समय तक बिजली की मांग बढ़ रही है । जिसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है । बताया जा रहा है कि दोपहर के बाद से विजली की खपत कम होती है इस वजह से सभी भी बिजली प्लांट से क्षमता के अनुरूप बिजली का उत्पादन की जाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
इस तरह हो रहा है उत्पादन
सारणी के 1330 मेगा वाट के पावर प्लांट से कोयले की कमी को देखते हुए महज 810 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है। जिसमे 210,210 मेगा वाट की 8 और 9 नंबर से 310 मेगावाट और 250,250की मेगावाट की 10,11 नंबर की इकाई से 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है । जो अपनी क्षमता से 520 मेगा वाट कम है ।
इनका कहना
सतपुड़ा ताप विधुत गृह में केवल 3 दिनों का कोयला ही शेष है डब्ल्यूसीएल के माध्यम से पर्याप्त कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है । इसकी वजह से सारणी की 8,9,10 और 11 नंबर इकाई से 810 मेगा वाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है ।
व्ही सी टेलर प्रवक्ता मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी सारणी