प्रमोद गुप्ता सारणी ब्यूरो / भारत को आजादी मिले 71 वर्ष का लंबा समय बीत जाने के बाद भी लोहिया पंचायत के अंतर्गत आने वाले लगभग 2 दर्जन से अधिक गांव के लोगों को अभी भी नाव के सहारे नदी पार करना पड़ता है। हर बारिश के मौसम में 2 से 4 मौतें होती है उसके बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है बताया जाता है कि कुछ साल पूर्व तीन करोड़ 95 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण किया गया लेकिन निर्माण के समय में ही वर्ष 2012 में तेज बारिश की वजह से बह गई थी उसके बाद दोबारा इस पुलिया का निर्माण 9 करोड़ों रुपए की लागत से किया जा रहा लेकिन वह भी धीमी गति से होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2 दर्जन से अधिक गांव में निवास करने वाले लगभग 5 हजार लोगों को रोज जिंदगी और मौत से दो चार होना पड़ता है। इसके बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इन ग्रामीणों की सुध लेने की परवाह है । 1984 में नदी पर 14 लोगों की मौत हो गई थी और उसके बाद लगातार बारिश के मौसम में मौत का सिलसिला होते ही रहता है ।