ललित साहू छिंदवाड़ा ब्यूरो – छिंदवाड़ा में एसडीएम के साथ हुई घटना के बाद प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी लामबंद हो चले है …
छिंदवाड़ा जिले की घटना ने कांग्रेस की छबि को कर्मचारियों और अधिकारीयों की नजरों में खराब कर दिया है । अब प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी लामबंद हो गए हैं । जिले के चौरई ब्लॉक में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान एसडीएम सीपी पटेल के मुंह पर कालिख पोतने का मामला गरमा गया है। घटना के विरोध में राज्य प्रशासनिक सेवा के कर्मचारी और अधिकारी लामबंद हो गए हैं। उन्होंने तत्काल प्रभाव से छिंदवाड़ा समेत प्रदेश में हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों ने कहा कि अब सिर्फ कोविड-19 से जुड़े काम ही हो सकेंगे। आरआई से लेकर पटवारी तक कोई काम नहीं करेगा।प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारी (डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, अपर कलेक्टर) तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक संघ, पटवारी संघ समेत प्रदेश के 60 हजार अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं । इससे सबसे ज्यादा आम लोगों को परेशानी होने वाली है।
सोमवार से आय प्रमाण पत्र से लेकर जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ से होने वाले नुकसान का सर्वे तक सभी सरकारी काम नहीं होंगे। इस हड़ताल को कई और संगठनों का भी समर्थन है। कर्मचारियों का आरोप है कि राजनीतिक दल सिर्फ चर्चा में आने के लिए इस तरह की बदसलूकी करते हैं। इसी कारण अब आमजनों की तरह ही राजनीतिक पार्टियों को भी ज्ञापन कोर्ट में आकर ही अकेले देना होगा। भीड़ में जाकर किसी तरह के ज्ञापन नहीं लिए जाएंगे।
प्रदेश में लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। कहीं यह नियम नहीं है कि भीड़ में जाकर ज्ञापन लिया जाए । जिस तरह सामान्य लोग सामान्य तरीके से आकर ज्ञापन देते हैं उसी तरह अब इस तरह के प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल आकर ज्ञापन दें। बस, हम इतना ही चाहते हैं। यह किसी दल के खिलाफ नहीं है। यह व्यवस्था के खिलाफ हड़ताल है। हम नियमानुसार कार्य करते हैं । लेकिन हमेशा हम ही निशाना बनते हैं । जीपी माली अध्यक्ष मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ