बैतूल में पुलिस का पहला पुलिस म्यूजियम शुरू हुआ । यहां पुलिस वर्दी से लेकर बैच , बाजे और डंडे से लेकर, पिस्टल-मशीनगन को इस म्यूजियम में अब सामान्य लोग देख सकेंगे….
बैतूल जिले में प्रदेश का पहला पुलिस म्यूजियम शुरू किया गया है । बैतूल के रानीपुर थाना परिसर में पर्यटकों के लिए ये म्यूजियम शुरू कर दिया गया है। ब्रिटिश हुकूमत के समय शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विष्णु सिंह गोंड ने इस थाने को आग के हवाले कर दिया था। इसी थाने को म्यूजियम की शक्ल में ढाला गया है । रानीपुर में पुलिस थाने का इतिहास 1900 से मिलता है। लेकिन जिस थाना भवन को म्यूजियम बनाया गया है, वह बिल्डिंग अंग्रेजी शासनकाल में 1913 में बनाई गयी थी। सात कमरों वाले इस थाने में सौ साल से भी ज्यादा वर्षो तक थाना लगता रहा । बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझते हुए इस म्यूजियम में ढालने का काम शुरू करवाया और आज यह नई पीढ़ी को विरासत से रूबरू कराने के लिए तैयार है । पुलिस म्यूजियम का सांसद डीडी उइके, कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस, पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद और शहीदों के परिजनों की मौजूदगी में फीता काटकर शुभारंभ किया गया ।
इसलिए ऐतिहासिक है थाना……
स्वतंत्रता सेनानी विष्णुसिंह गोंड ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इसी थाने से हथियार लूटे थे। अपने साथियों के साथ हमला करने वाले विष्णु सिंह ने थाने में आग भी लगा दी थी। इसके दो लकड़ी के खम्भों पर आज भी कुलहाड़ियों के निशान बने हुए हैं।
म्यूजियम में नौ गैलरी बनाई गई है…..
इस पुलिस म्यूजियम में नौ गैलरी बनाई गई है. जिसमे पुराने हथियार, पुलिस के काम करने के तरीके एवं पुलिस के पुराने रिकॉर्ड, पुलिस साहित्य, अंग्रेजो के दौर के नोट्स, टीप और बैतूल के स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े दस्तावेज, उनकी तस्वीरे सजाई गई है. यहां प्लास्टिक पुतलों में डीजीपी से लेकर सिपाही और अर्दली तक की वर्दियों को रैंक के लिहाज से दर्शाया गया है. इसके लिए इन पुतलों को वैसी ही यूनिफार्म पहनाई गयी है. जबकि पुलिस के पुराने उपकरण, पुलिस बैंड से लेकर टेलीप्रिंटर, टाइप राइटर,कैमरे,बर्तन,खेल सामग्री दर्शकों के लिए सजाई गई है।