नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – भोपाल में विधानसभा के सामने नया विधायक रेस्ट हाउस बनाया जा रहा है । जिसके लिए हज़ार से ज़्यादा पेड़ों की बलि दी जा चुकी है ….
मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में पहले से ही विधायकों के लिए रेस्ट हाउस और रेसिडेंशियल हाउस बने हैं । भोपाल के कई क्षेत्रों में विधायकों के लिए घर और रेस्ट हाउस जो हैं वो आज भी अच्छी कडीशंन में हैं । फिर भी नया विधायक रेस्ट हाउस बनाया जा रहा है । हरियाली से भरपूर अरेरा पहाड़ी पर ये खड़ा किया जा रहा है । दो साल पहले जब इसका काम शुरू हुआ था तब 1139 हरे भरे पेड़ काट दिए गए थे । तब से अब तक ढाई हज़ार से ज़्यादा पेड़ों की बलि दी जा चुकी है । राजधानी के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के लिए 10 हज़ार से ज़्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं । रेस्ट हाउस के लिए 2015-2016 में अनुमानित लागत 65 से 70 करोड़ थी । जो 2019 में बढ़कर 137 करोड़ रुपए हो गई । भोपाल शहर झील, पहाड़ और हरियाली के लिए जाना जाता है । मगर पिछले कुछ साल से यहां हरियाली का स्तर लगातार घट रहा है । शहर की हरियाली उजाड़ने के पीछे सबसे ज़्यादा हाथ इन ज़िम्मेदारों का ही है । कभी नर्मदा पाइप लाइन, तो कभी BRTS कॉरिडोर और स्मार्ट सिटी के नाम पर शिवराज सरकार के दौरान लाखों पेड़ काटे गए । ताजा उदाहरण न्यू एमएलए रेस्ट हाउस का है । भोपाल विधानसभा के सामने के फॉरेंस्ट एरिया को खत्म किया जा रहा है । तीन साल पुराने इस प्रोजेक्ट में गुपचुप तरीके से हज़ारों पेड़ों को काटा जा चुका है । हरियाली को मिटाकर निर्माण होगा तो प्रदूषण और बढ़ेगा । भोपाल में ग्रीन कवर 10 साल में 26% घट गया है । भोपाल में पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर बढ़ रहा है । ट्रैफिक बढ़ने से कार्बन उत्सर्जन भी लगातार बढ़ता जा रहा है ।
शहर की हरियाली नष्ट की जा रही है लेकिन मामला खुद के स्वार्थ का है । इसलिए इस मामले में पक्ष-विपक्ष सब एक हैं । मंत्री पी सी शर्मा का कहना है नियम के मुताविक काम चल रहा है । वहीं बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा कह रहे हैं कि ये विधानसभा अध्यक्ष के कार्यक्षेत्र का मामला है । मतलब साफ है खुद के लिए बन रहे आवासों के लिए जनप्रतिनिधियों को हरियाली उजड़ने से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा । भोपाल की आवो हवा इन पेड़ों की वजह से अच्छी थी जो अब बिगड़ते जाएगी । खेर आम जनता से किसे लेना देना । पर हम तो पूछेंगे ….