भिंड त्योहारों के पूर्व मिलावट खोर हुए सक्रिय
विवेक पाण्डेय भिंड ब्यूरो – भिंड में दीपावली के मद्देनजर मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं , जिले के ग्रामीण इलाकों में दीपावली के पूर्व नकली मिलावटी खोवा बनाने का काम जोरों पर शुरू हो गया है , त्यौहार को देखते हुए मिलावटखोरों की चांदी जिम्मेदार खामोश …
भिंड दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में मिठाइयों की दुकानों पर तरह तरह की मिठाई तैयार करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और वहीं दूसरी तरफ भिंड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावटी दूध और मावा की सप्लाई बढ़ने लगी है क्षेत्र के प्रतापपुरा नुन्हाड हसनपुरा रावतपुरा रायुपुरा लहार सिटी , असवार , दवोह सहित एक दर्जन गांवो में पाउडर से मिलावटी खोवा बनाने की तैयारियां शुरू हो गई है ।
4 डिब्बा दूध से 70 किलो मिलावटी मावा होता है तैयार –
ग्रामीण क्षेत्रों मैं संचालित डेयरियों पर इन दिनों मिलावटी दूध के साथ मावा भी बनाया जा रहा है जिसका व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है दूध व्यापारी फूड सेफ्टी विभाग की आंखों में धूल झोंक कर दूध के सूखे पाउडर से मिलावटी और केमिकल युक्त दूध और खोआ तैयार कर रहे हैं । डेयरी संचालक 4 किलो सूखे दूध से 70 किलो खोआ यानी (एक डलिया के करीब) खोवा तैयार कर रहे हैं । जबकि शुद्ध दूध से 200 किलो दूध से एक डलिया खोआ तैयार हो पाता है । लेकिन शुद्ध दूध से तैयार खोवा से डेयरी संचालको को कम लाभ मिल पाता है ।
ऐसे होता है मिलावटी खोआ तैयार –
मिलावटी खोवा बनाने के लिए सबसे पहले दूध के पाउडर को पानी में डाल कर गर्म करते हैं गर्म करने के बाद मिलावटी दूध तैयार हो जाता है इसके बाद कामनी (तरल पदार्थ), को इसमें मिलाकर भट्टी पर तेज आग पर फिर से खोलते है कुछ देर खोलाने के बाद खोआ बनकर तैयार हो जाता है इसके बाद इसे पोलोथिन में रखकर लकड़ी की डलिया में पैक करके बेचने के लिए बाहर बड़े व्यपारियो को भेजते है ।
पूर्व में भिंड जिले में मिलावट खोरों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने काफी कार्यवाही की हैं पर वर्तमान में प्रदेश सरकार इन दिनों उपचुनाव में व्यस्त है जिसके चलते भिंड के ग्रामीण इलाकों में एक बार फिर नकली मिलावटी खोवा बनाने का काम शुरू हो गया है ।