के के दुबे शिवपुरी ब्यूरो – आदिवासी दिवस तीन साल से बिना छत के रह रहे है आदिवासी , प्रधानमंत्री आवास योजना की कुटीरों में नहीं है छत , बारिश के मौसम में घास फूस के छप्पर पर प्लास्टिक की तिरपाल लगाकर रहने को है मजबूर , आज पूरे प्रदेश में मनाया जा रहा है आदिवासी दिवस …
आज पूरे मध्यप्रदेश में आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है और सरकार दावे कर रही है कि सरकारी योजनाओं से आदिवासियों का उत्थान हुआ है । किंतु ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही बया कर रही है जो सरकार आज आदिवासी दिवस मनाने का दिखवा कर रही वही सरकार की मशीनरी उनको बेघर करने पर तुली है । सरकार एक तरफ़ तो आदिवासियों के उत्थान के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही है और उनको योजनाओं के माध्यम से लाभ देने की कोशिश कर रही हैं वहीँ शिवपुरी जिले के विनेगा गाँव में आज भी आदिवासी बिना छत के घरों में रहने को मजबूर हैं । शासन द्वारा ग्राम पंचायत चंदनपुरा के गाँव विनेगा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 28 कुटीरें आवंटित की गई थी जिसकी एनओसी ग्राम पंचायत के सचिव,ग्राम रोजगार सहायक और पंचायत समन्वयक अधिकारी की कमेटी द्वारा दी गई थी । उसके बाद ही इन कुटीरों को बनने के लिए सरकार द्वारा राशि जारी की गई थी । इन कुटीरों का आधा निर्माण भी हो चुका था लेकिन शेष बची राशि को अचानक से जनपद पंचायत द्वारा रोक दिया गया । जिससे उन आदिवासियों का जो रहने का आशियाना था वह भी टूट गया और वह खुली छत के नीचे आ गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर परिवार को अपना घर देना का जो सपना दिखाया जा रहा है उसको शिवपुरी जिला प्रशासन पूरी तरह से पतीला लगाने का काम कर रहा है । बताया जा रहा है कि जिस जगह कुटीरें स्वीकृत की गई है वह भूमि अब वन विभाग अपनी बताने लगा है । वन विभाग की आपत्ति के बाद ही उनकी राशि रोकी गई है जबकि वहाँ रह रहे आदिवासियों का कहना है कि हम यहाँ वर्षों से रह रहे हैं । सबसे बड़ा स्थानीय प्रशासन पर उठता है कि जब ये जमीन वन विभाग की थी तब क्यों वन विभाग ने आपत्ति नहीं ली ? क्यों ग्राम पंचायत से लेकर जनपद जिला पंचायत ने इन्हे स्वीकृत करते हुए राशि जारी की। अब इन बेसहारा परिवारों का क्या होगा ? क्या मुख्य मंत्री इन आदिवासी परिवारों की सुध लेंगे ?