विजय श्रीवास्तव दमोह ब्यूरो – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में 150 किलोमीटर की पदयात्रा करें। उन्होंने कहा कि सांसद दो अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक पदयात्रा करें लेकिन केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने 16 अगस्त यानि शुक्रवार को ही चार दिवसीय पदयात्रा शुरू कर दी थी। जो की आज पूरी हो गई हे… [rev_slider alias=”small_ad”]
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल की ग्राम स्वराज पदयात्रा दमोह में पूरी हो गयी। यात्रा का समापन बजरिया तीन हरिजन बस्ती के उसी गुरूद्वारे में स्थापित गांधी प्रतिमा पर हुआ जिसकी आधारशिला 2 दिसंबर 1930 को महात्मा गांधी ने रखी थी। समापन के इस मौके पर गांधीजी के प्रपोत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी शामिल हुए। दमोह से बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपने इलाके में 4 दिन पदयात्रा की। आज यात्रा के अंतिम दिन खोजाखेड़ी से उनका कारवां शुरू हुआ। रास्ते भर उन्होंने कई जगह पौधे रौंपे। सागर जिले के गांधीग्राम अनंतपुरा से यात्रा शुरू हुई थी। सागर से दमोह तक के इस 87 किलोमीटर के यात्रा मार्ग पर करीब 2000 पौधे लगाए गए। इनकी देखभाल की जिम्मेदारी गांव वालों को दी गयी है। गुरुद्वारे में समापन ग्राम स्वराज पदयात्रा का समापन बजरिया तीन हरिजन बस्ती के उसी गुरूद्वारे में स्थापित गांधी प्रतिमा पर हुआ जिसकी आधारशिला 2 दिसंबर 1930 को महात्मा गांधी ने रखी थी। गांधीजी ने इसके लिए 7 हजार 811 का चंदा इकट्ठा किया था और अपनी ओर से 200 रूपए दिए थे.महात्मा गांधी के प्रपोत्र श्रीकृष्ण गांधी ने उम्मीद जताई कि गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर भगवान बनाने की जगह अगर उनके विचारों को लेकर कार्यान्जली हो तो देश में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। अहिंसा को बहुत सीमित अर्थो में देखा गया है। जबकि आवश्यकता से अधिक हासिल करने की प्रवृत्ति ही हिंसा है। इसे रोकना होगा तभी नीचे के तबके के लोगों तक सुविधाएं पहुंचेंगी।
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