नीलेंद्र मिश्रा भोपाल … मानव विकास की गाथा के प्रमाण हैं शैलचित्र …

रायसेन जिला विश्व का एक मात्र ऐसा जिला है जहां विश्व के सर्वाधिक शैलचित्र हैं । यह शैलचित्र मानव जाति के विकास की दास्तां को पाषाणों पर उंकेर कर इस बात का अहसास दिलाते हैं मनुष्य अपने शुरुआत के दिनों में गुफाओं में रहते थे । भीमबेठिका के इन शैलतित्रों की गाथा दुनिया की पुरासभ्तायो में सर्वाधिक प्राचीन है यानि ४ हजार वर्ष ईसा पूर्व से पहले की मानव सभ्यता जिसे आदिमानव द्वारा शैल चित्रों में उकेरे भित्ति चित्रों में मानव विकास की गाथा को चित्रित करते यह भित्ति चित्र दुनिया के शोधार्थियों को बरबस अपनी और आकर्षित करते हैं | रायसेन जिले की भीमबाठिका के यह शैलचित्र विश्व धरोहर स्थल के रूप में संरक्षित हैं ।भीमबेटका गुफाओं की खोज से इस क्षेत्र को अपार प्रसिद्धि मिली. यह पूरा क्षेत्र गुफाओं से पटा है, यहां करीब 600 गुफाएं हैं. यह पूरा क्षेत्र खड़े और बिखरे पत्थरों के बीच सागवान और सखुआ पेड़ों से अटा पड़ा है. इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में शुमार किया है. इनमें से कुछ गुफाओं में उकेरे हुए चित्र कई युगों पुराने हैं.


वास्तव में, ये गुफाचित्र ही यहां के प्रमुख आकर्षण हैं और ये ऑस्ट्रेलिया के सवाना क्षेत्र और फ्रांस के आदिवासी शैल चित्रों से मिलते हैं जो कालीहारी मरुस्थल के बौनों द्वारा किया गया है. चूंकि, इन गुफाओं का इस्तेमाल विभिन्न कालों में आदिमानवों ने अपने घर के रूप में किया, इसलिए यहां उकेरे गए पेंटिंग्स उनकी जीवनशैली और सांसारिक गतिविधियों को दर्शाते हैं. मौलिक रूपरेखा और रंगों के निपुण चयन ने हमारे पूर्वजों की इन गतिविधियों में जान डाल दी है.

विभिन्न सामुदायिक गतिविधियां जैसे- जन्म, मरण, धार्मिक अनुष्ठान, नृत्य, शिकार खेलना या आखेट दृष्य, जानवरों की लड़ाइयां और आमोद-प्रमोद को इन चित्रों में स्थान दिया गया है. गैंडा, बाघ, जंगली भैंस, भालू, मृग, सूअर, शेर, हाथी, छिपकली इत्यादि को इन चित्रों में देखा जा सकता है. यह देखना आश्चर्यजनक है कि इन पेंटिंग्स में जो रंग भरे गए थे वो कई युगों बाद अभी तक वैसे ही बने हुए हैं. इन पेंटिंग्स में आमतौर पर प्राकृतिक लाल और सफेद रंगों का प्रयोग किया गया है. अकसर इनमें हरे और पीले रंग का प्रयोग भी किया गया है.


यहां जो सबसे पुरानी पेंटिंग है वो करीब 12 हजार साल पुरानी है जबकि सबसे नवीन पेंटिंग हजार साल पुरानी. सैलानियों के लिए केवल 12 गुफाएं खुली हैं. अगर आप मध्य प्रदेश घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो भीमबेटका जरूर जाएं.€

कैसे पहुंचें ….
नजदीकी हवाई अड्डा भोपाल में स्थित है. रेलवे के जरिए भोपाल आकर यहां से टैक्सी या बस के जरिए भीमबेटका पहुंचा जा सकता है.प्रमुख शहरों से भीमबेटका की दूरी:भोपालः 46 किलोमीटर नई दिल्लीः 795 किलोमीटर मुंबईः 818 किलोमीटर है