के के दुबे ग्वालियर ब्यूरो – ग्वालियर में पुलिस की एक गलती ने एक आम आदमी को अपराधी बना दिया , हद तो तब जब हो गई जब उसे इमानि बदमाश बताकर प्रेस नोट ही जारी कर दिया , अब सवाल ग्वालियर पुलिस पर उठने लाजमी हैं , क्या इस तरह आम आदमी की रक्छा करेगी मप्र पुलिस ,क्या इतनी बड़ी चूक एक जबाबदार अधिकारी से कैसे हुई
ग्वालियर में अरुण पुत्र ओमप्रकाश शर्मा पर ₹5000 का इनाम घोषित किया गया था , बहोड़ापुर पुलिस थाने के टीआई दिनेश सिंह राजपूत ने अरुण शर्मा नाम के एक निर्दोष युवक को गिरफ्तार किया और दस्तावेजों में उसे ही इनामी बदमाश बता दिया ….
ग्वालियर शहर के बहोड़ापुर थाना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है । दरअसल थाना पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को चिटफंड मामले का फरार आरोपी बना दिया है। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने संबंधित व्यक्ति के नाम से इनाम का ऐलान कर दिया और सोशल मीडिया पर प्रेस नोट जारी कर दिया। सोशल मीडिया पर प्रेस नोट के वायरल होते ही हड़कंप मच गया । मामला एसपी के पास पहुंचा तो उन्होंने प्रेस नोट जारी करने वाले उप निरीक्षक दिनेश राजपूत को तत्काल सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है ।
अरुण पुत्र ओमप्रकाश शर्मा पर ₹5000 का इनाम घोषित किया गया था । बहोड़ापुर पुलिस थाने के टीआई दिनेश सिंह राजपूत ने अरुण शर्मा नाम के एक निर्दोष युवक को गिरफ्तार किया और दस्तावेजों में उसे ही इनामी बदमाश बता दिया। इतना ही नहीं उसकी फोटो भी प्रेस में जारी कर दी । गिरफ्तार निर्दोष युवक के भाई ने एसपी अमित सांघी के पास जाकर पूरे मामले की शिकायत की। एसपी सांघी ने मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी पंकज पांडे को नियुक्त लार दोय है । एडिशनल एसपी श्री पांडे ने जांच के प्रथम चरण में ही स्पष्ट कर दिया कि गिरफ्तार किया गया युवक और फरार चल रहा है इनामी बदमाश दो अलग-अलग व्यक्ति है । एडिशनल एसपी श्री पांडे की रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर में टीआई दिनेश सिंह राजपूत को सस्पेंड कर दिया है । इस मामले में अभी यह पता लगाया जाना शेष है कि टीआई दिनेश सिंह राजपूत ने निर्दोष युवक की गिरफ्तारी किसी कन्फ्यूजन में आकर की है या फिर इनामी बदमाश को बचाने के लिए साजिश के तहत यह कार्रवाई की गई ।