आशीष रावत….उज्जैन जिस महाकाल लोक के लोकार्पण को देश के सबसे बड़े मुखिया ने किया उस महाकाल लोक में एक आंधी ने हकीकत खोल कर रख दी , अब सवाल भी कई खड़े होते है जिसका जबाब सत्ता में बैठे मामा को देना ही पड़ेगा….
मप्र को इन दिनों विपक्ष भ्रष्टाचार का अड्डा बता रहा है । इस प्रदेश में एक और कांड हो गया । उज्जैन के महाकाल मंदिर को महाकाल लोक बनाने का श्रेय देश के प्रधान ने लिया । प्रदेश की शिवराज सरकार ने इसे बनाने में उज्जैन को उजाड़ कर इस पर करोड़ों रुपया खर्च किया । सरकार की सोच थी कि इसे वर्ल्ड का एक नंबर धार्मिक स्थल बनाए जिसे देखने पर्यटक विदेशो से भी आएं । वैसे काफी खूबसूरत बनाया गया था पर ये क्या एक आंधी ने महाकाल लोक की हकीकत सामने ला दी । अब विपक्ष हमलावर है कई सवाल भी खड़े हो गए हैं जिनका जबाब शिवराज सरकार को देना ही होगा ।
मूर्तियां गिरने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम महाकाल लोक पहुंच गई। श्रद्धालुओं को वहां से बाहर निकाला गया । कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि बहुत तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं । लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी इन मूर्तियों की लाइफ 10 साल है। पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है । क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा । फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया है ।