आशीष रावत….. नर्मदापुरम जिले के केसला में पेसा एक्ट जागरूकता कार्यक्रम में आदिवासी समाज की जिला पंचायत अध्यक्ष राधा सुधीर पटेल को आमंत्रित नहीं करने और पोस्टर तक में फोटो नहीं होने से मामला गर्मा गया है……
मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदापुरम के आदिवासी ब्लाक केसला में पेसा एक्ट जागरूकता सम्मेलन किया । एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्य मंत्री आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने पर मंच से समझाते रहे है वहीं नर्मदापुरम जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष जो आदिवासी हैं उन्हें कार्यक्रम में बुलाया तक नही । दरअसल जिला पंचायत में सदस्य की संख्या में भाजपा की ज्यादा है पर आपसी खींच तान की वजह से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में क्रास वोटिंग होने के चलते कांग्रेस की उम्मीदवार इस बार अध्यक्ष चुनी गई । आज कार्यक्रम के दौरान मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष नदारद रहीं वही कार्यक्रम में जिला प्रभारी मंत्री ब्रजेद्र प्रताप सिंह , सांस राव उदय प्रताप सिंह सहित जिले की चारो विधान सभा के भाजपा विधायक मुख्य मंत्री के साथ मौजूद रहे और मंच से आदिवासियों के हक के लिए लागू कानून के पक्ष में अपनी अपनी दलीलें देते रहे पर कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष को बुलाना तो दूर मंच से किसी ने उनका नाम तक लेना उचित नहीं समझा ।
विशाल मंच पर नर्मदापुरम जिले के चारो विधायक और संसद मौजूद थे लेकिन जिले की एकमात्र आदिवासी महिला जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती राधाबाई को कार्यक्रम में शामिल होने कोई आमंत्रण नहीं दिया गया। मामले को लेकर कांग्रेस पदाधिकारियो ने पीसी कर जिला प्रसाशन सहित बीजेपी को आड़े हाथो लिया हे काग्रेसियो ने आरोप लगाया की जिला प्रशासन के अधिकारी सरकार और व्यवस्था के साथ भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हे। उन्होंने आरोप लगाया की जिला प्रशासन शासकीय कार्यक्रमो में कांग्रेस समर्थित जिप अध्यक्ष और सदस्यों को बुलाने में परहेज करता हे। वही दो दिन पहले बिरसा मुंडा जी की जयंती आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाई जाती हे। लेकिन एकमात्र आदिवासी निर्वाचित महिला जिप अध्यक्ष के रूप में नर्मदापुरम को गौरवान्वित कर रही हे जिन्हे लगातार उपेक्षित किया जा रहा हे। वही इस पुरे मामले को लेकर कांग्रेस कमेटी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर घटनाक्रम की जानकारी से अवगत भी कराया जायेगा।
कांग्रेस कमेटी मध्यप्रदेश व मीडिया विभाग जिला प्रभारी नर्मदापुरम राजकुमार केलू उपाध्याय ने बताया की जिला प्रशासन को प्रोटोकॉल का ध्यान रखना चाहिए। वे किसी पार्टी के नहीं हे। सत्ता और सरकार आती जाती हे। लेकिन अधिकारी कर्मचारी किसी सत्ता से बंधे नहीं होते हे। वो जनहित के कार्यो और उनकी सुनवाई के लिए नियुक्त होते हे। इस दौरान राजकुमार केलू उपाध्याय, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस कमेटी मध्यप्रदेशव मीडिया विभाग जिला प्रभारी नर्मदापुरम, हेमचंद्र कश्यप, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष केसला, जितेन्द्र सिंह सोलंकी, जिला अध्यक्ष कांग्रेस सेवादल नर्मदापुरम, सुधीर पटेल, राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि जिला पंचायत नर्मदापुरम, शिवा राजपूत, सदस्य जिला पंचायत नर्मदापुरम, शिवराज चंद्रोल, प्रदेश प्रवक्ता युवक कांग्रेस प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।
कांग्रेस द्वारा प्रेस वार्ता करने के बाद प्रशासन ने भी अपना पक्ष जनसंपर्क के माध्यम से रखा। जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष , उपाध्यक्ष सहित सभी प्रतिनिधियों को पैसा जागरूकता सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। अपर कलेक्टर मनोज सिंह ठाकुर ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष को वायरलेस मैसेज एवं दूरभाष पर भी चर्चा कर कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया। मुख्य कार्यक्रम के मंच पर प्रथम पंक्ति निर्धारित सीट भी आरक्षित थी और डाइस प्लान में भी नाम शामिल था । पर वो आई ही नहीं।
लेकिन मंच पर लगे पोस्टर में जिला पंचायत अध्यक्ष की फोटो गायब थी। जिससे बड़े सवाल खड़े हो रहे?