आशीष रावत….नर्मदापुरम के पिपरिया का एक मार्ग ऐसा है जो दिन के समय सबसे वयस्त्म छेत्र है , हैरत की बात तो ये है कि पिपरिया नगर पालिका से लेकर केंद्र में एक ही सरकार होने के बाबजूद सालो से इस समस्या का समाधान आज तक शहर वासियों को नही मिल सका है…..

पिपरिया के सबसे पुराने सड़क मार्ग जो कि क्षेत्र को रेलवे स्टेशन बैंको से जोड़ता है उसकी हालत वर्षो से जस की तस बनी हुई है । शहर के सीमेंट रोड पर पंजाब बैंक के सामने वाले तिराहे पर दिन के समय जाम के अलावा कुछ देखने को ही नही मिलता । इस सड़क पर शहर के नामचीन बैंक हैं इसके अलावा इसी मार्ग से नगर पालिका , विद्युत विभाग का कार्यालय और मोहता प्लाट होते हुएं मंडी तक पहुंचा जा सकता है । इस मार्ग की बेलगाम ट्राफिक व्यवस्था को आज तक न पुलिस सुधार पाई है न ही कोई सरकार कुछ कर पाई है । नगर सरकार से लेकर विधायक हों या केंद्र में एक ही सरकार काबिज होते हुए इस समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है । आम जनता सालों से बेलगाम ट्राफिक भोगने को मजबूर है और जनप्रतिनिधियों की बात की जाए तो उनके हाथ पांव इस मार्ग पर आने से फूलने लगते हैं । आम जनता इस सड़क पर जाने से बचती है । ट्राफिक का दबाव इतना है कि कई बार घंटो का जाम लग जाता है जो आज तक किसी जनप्रतिनिधि को नही दिखता । वर्षो से इस मार्ग का उपयोग अनाज मंडी से रेक प्वाइंट तक माल ढोने के लिए व्यापारी करते हैं । इस मार्ग पर चाहे ट्रक हों या ट्राली अनाज ढोने में लगी रहती हैं । इन हेवी वाहनों के कारण आम जनता इस मार्ग पर फसी रहती है । सालों से पार्षद से लेकर प्रधान मंत्री तक एक ही पार्टी के हैं पर इसका समाधान किसी पर नही । प्रशासन कभी कभार खाना पूर्ति कर इति श्री करता जरूर दिख जाता है । शहर से लेकर जिला भाजपा के दिग्जजो के घर  इसी मार्ग पर हैं और तो और शहर के धन्ना सेठों के आलीशान बंगले भी इसी मार्ग में हैं पर आज तक किसी ने इस विकराल समस्या पर कोई आवाज नहीं उठाई । आम जनता जरूर गाहे बगाहे ये जरूर कहती नजर आ जाती है कि किसी को कोई फर्क नही पड़ता । धन्नासेठ हों या जनप्रतिनिधि इनके इस मार्ग पर आने पर हाथ पांव फूलने लगते हैं । खेर आम जनता ये सब देख रही है और उसके पास एक ही चारा है चुनाव के समय ऐसे जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाए । आने वाले विधान सभा चुनाव में इस समस्या का असर माननीयों के वोट बैंक पर जरूर पड़ेगा ।