नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ….. राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में केनवास पर चित्र बनाकर बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने स्कूल के जीवन के कुछ पल बच्चों के साथ साझा करते हुए कहा कि जब हम लोग स्कूल जाया करते थे, तब इस प्रकार की कोई प्रतियोगिता नहीं होती थी। हम सिर्फ स्कूल जाते थे और अच्छी पढ़ाई करते थे, नहीं तो टीचर की डांट खाना पड़ती थी। आज शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि शिक्षा के साथ ही सरकार को अन्य गतिविधियों पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और निखारने का अवसर मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे बच्चों को ढ़ूढना है, जो आगे जाना चाहते है और शिक्षा के अलावा कोई अन्य हुनर भी सीखना चाहते है। इस प्रयास से गरीब परिवार के बच्चों को लाभ होगा। शासकीय स्कूलों में प्रतियोगिता आयोजित कर ऐसे बच्चों को आगे बढ़ाना चाहिए। श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में अभिनव प्रयास शुरू किये हैं। जिस यूनिवर्सिटी के समारोह में वह जाते हैं, वहाँ पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र जाता है। उस पत्र में यह लिखा होता है कि प्रधानमंत्री के साथ उनके 50 गेस्ट आएंगे, समारोह में आगे लाइन उनके लिये खाली रखे। वह गेस्ट कौन होंगे? वह हैं 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चे। ये बच्चे वहाँ आकर देखेंगे कि बड़ी बिल्डिंग कैसी होती है। डिग्री को देखेंगे। उनमें आगे बढ़ने की जिज्ञासा बनेगी। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को हॉस्पिटल दिखाएं, इंडस्ट्रीज दिखाएं, जेल दिखाएं। इससे छोटे-छोटे बच्चों के दिमाग में नये-नये सवाल आएंगे और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।