आशीष रावत…..पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव पंचतत्व में विलीन हो गए उन्होंने 75वें साल में अंतिम सांस ली यादव को अपने गांव आंखमऊ से बेहद लगाव था……
स्व. शरद यादव का अंतिम संस्कार आज नर्मदापुरम जिले के ग्राम आंखमऊ में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु ने मुखाग्नि दी। दोपहर में दिल्ली से चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए पार्थिव देह को राजाभोज एयरपोर्ट भोपाल लाया गया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने श्रद्धांजलि दी।
शरद यादव का जन्म 1 जुलाई, 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ। शरद यादव एक बेहद सामान्य परिवार में जन्मे और पढ़ने में तेज साबित हुए। देश के आज़ाद होने से ठीक पहले जन्मे शरद यादव ने बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। ये डिग्री उन्होंने मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से ली थी।
छात्र संघ से शुरू की राजनीति…..
वे उस वक्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जबलपुर आए थे। उन्होंने यहां चुनाव लड़ा और छात्र संघ के अध्यक्ष बने। इसके बाद राजनीति ही उनका करियर बन गई। शरद यादव पढ़ाई में जबरदस्त थे। उन्होंने बीई (सिविल) में गोल्ड मेडल जीता था। उनके आदर्श राम मनोहर लोहिया थे। यादव उनके विचारों से प्रभावित थे। इसी वजह से वे कई बार लोहिया के आंदोलन में हिस्सा भी लिया करते थे। राजनीतिक जीवन में वे कई बार मिसा (MISA)के तहत जेल गए। मंडल कमीशन की सिफारिसों को लागू करने में शरद यादव का बहुत बड़ा हाथ है। यादव जेपी आंदोलन के दौरान कांग्रेस के विरोध में चुनाव लड़े और जीता। दरअसल जय प्रकाश नारायण 1974 में इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर चुके थे। जेपी आंदोलन पूरे देश में फैल रहा था। ठीक उसी वक्त जबलपुर से कांग्रेस सांसद की अचानक मृत्यु हो गई और जयप्रकाश नारायण ने उपचुनाव में कांग्रेस के मुकाबले इस युवा छात्र को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया।
तीन राज्यों से लोकसभा पहुंचने का रिकॉर्ड भी बनाया……
जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का जन्म मध्य प्रदेश में ज़रूर हुआ, लेकिन वह सिर्फ मध्य प्रदेश तक की सीमित नहीं रहे। और दो अन्य राज्यों में भी राजनीतिक दबदबा कायम किया। शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा लोकसभा से चार बार जीत दर्ज की वहीं, इसके अलावा वह दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए। एक बार वह उत्तर प्रदेश के बदायूं से भी लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे। कुल सात बार वह लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। राजनीतिक गठजोड़ के माहिर खिलाड़ी शरद यादव को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है।
rajdhani24x7 परिवार की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी को श्रंद्धाजलि