आशीष रावत….उज्जैन में रविवार को शास्त्रीय मान्यता अनुसार मकर संक्रांति पर्व मनाया जा रहा भगवान महाकाल को तिल के पकवानों का भोग लगाया….

उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर के दरबार में हर त्योहार की शुरूआत सबसे पहले होने की परंपरा रही है। आज मकर संक्रांति पर्व पर तड़के सुबह 4 बजे भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल को तिली से बना उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया गया। भांग, सूखे मेवे से श्रृंगार कर नए वस्त्र और आभूषण धारण कराए गए। बाबा महाकाल को तिली से बने पकवानों का भोग लगाकर आरती की गई। मोक्षदायिनी शिप्रा में पर्व स्नान चल रहा है। श्रद्धालु तीर्थ पर दान-पुण्य कर रहे हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ रहेगी।

मकर संक्रांति 2023 पर यह रहेगा ग्रहों का विशेष योग….
इस साल मकर संक्रांति 2023 पर सूर्य ग्रह के साथ ही साथ चंद्रमा, शनि, बुध और गुरु ग्रह भी मकर राशि में होंगे। ज्योतिष की मानें तो इस कारण से भी इस साल मकर संक्रांति तिथि बहुत ही शुभ होगी, जिसमें स्नान, दान और पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होगी। एक नहीं इस साल मकर संक्रांति परतीन खास संयोग बनेंगे। नववर्ष की शुरूआत होने के बाद मकर संक्रांति हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है जो कि भगवान सूर्य देव से संबंधित होता है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करते हैं उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।

 

इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व…..
मकर संक्रांति के दिन तीर्थ स्थल पर स्नान के साथ दान आदि का महत्व है। सुबह तीर्थ स्नान और तिल से बने पकवान, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल-मूंग की दाल आदि वस्तुओं के दान का विशेष महत्व है। संक्रांति पर मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान का महत्व होने से श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों में दर्शन-पूजन कर दान-पुण्य किया जा रहा है।