नीलेंद्र मिश्रा ब्यूरो भोपाल – मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश की जनता की समस्याओं का समाधान स्वयं करेंगे । मध्य प्रदेश में आज से जन अधिकार कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है । पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समाधान ऑनलाइन से ज्यादा प्रभावी व असरदार इस कार्यक्रम को माना जा रहा है । जन अधिकार कार्यक्रम हर महीने के दूसरे मंगलवार को होगा जिसमें मुख्यमंत्री प्रदेश के किसी भी नागरिक के आवेदन की सुनवाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि आवेदक की समस्या के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाएगी । मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व में ही मंशा जाहिर कर चुके हैं कि प्रदेश के किसी भी नागरिक की समस्या जिस स्तर की है, उसका समाधान वहीं होना चाहिए। कोई भी ग्रामीण अपनी समस्या लेकर भोपाल तक नहीं पहुंचना चाहिए। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने जिला सरकार की दिशा में काम शुरू किया है। इसके बावजूद भी नामांतरण, बंटवारा, पेंशन, राशनकार्ड, एफआईआर न लिखना, पट्टा, सरकारी योजनाओं का लाभ आदि से जुड़ी शिकायत लेकर कोई व्यक्ति भोपाल पहुंचता है तो फिर ग्राम पंचायत सचिव से लेकर कलेक्टर, संभागायुक्त एवं एसपी आईजी तक पर कार्रवाई हो सकती है।
सीएम सचिवालय ने किया सूचित
जन अधिकार कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन लोगों को सूचित कर दिया गया है, जिनकी समस्या सुनी जाना है। खास बात यह है कि इस संबंध में अभी तक संंबंधित जिले के अधिकारी एवं कर्मचारियों को सूचित नहीं किया गया है । जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सभी कलेक्टर एवं एसपी को जन अधिकार कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉफ्रेंसिंग में उपस्थित रहने को कहा है । आवेदकों से कहा गया है कि वे मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में मौजूद रहें ।