दिनेश खेड़े खरगोन ब्यूरो – खरगोन जनपद पंचायत के ग्राम रजूर में दूशित पेयजल के कारण 100 से भी अधिक ग्रामीण डायरिया के खरगोन जनपद पंचायत के ग्राम रजूर में दूशित पेयजल के कारण 100 से भी अधिक ग्रामीण डायरिया के शिकार हो गए । जिसके बाद इन सभी मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल में केम्प लगाकर ईलाज किया जा रहा है। मरीजों को गोलियों के साथ ओआरएस के पैकेट दिए जा रहे है । मरीजों का ईलाज करने पहुंचे चिकित्सक का कहना है कि फिलहाल सभी मरीजों की हालत में सुधार है । सोमवार की रात में रजूर गांव में अचानक 70 से भी अधिक लोगों को दस्त की शिकायत होने लगी जिसके बाद तुरंत चिकित्सकों की टीम ने रात में ही गांव में पहुंचकर पीडित बीमारों का ईलाज किया। वहीं दूसरे दिन मंगलवार को फिर से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में पहुंचकर अस्पताल भवन के अभाव में स्कूल में ही केम्प लगाकर करीब 50 से भी अधिक दस्त के शिकार हुए ग्रामीणों का ईलाज कर उन्हें दवाईयां वितरित की गई। इतने अधिक संख्या में ग्रामीणें के बीमार होने की वजह कुंए का दूशित पानी पीना बताया जा रहा है । जिसके बाद पीएचई की टीम ने भी गांव में पहुंचकर कुंए के सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा हैं ।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पेयजल का एक मात्र स्त्रोत कुंआ ही है। ओर ओपन कुआँ है जिससे पूरे गाँव मे पेयजल वितरण होता है । इस कुंए का पानी पीने से कई लोगों को दस्त की षिकायत हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा रात में भी लोगों का ईलाज किया गया था। आज फिर टीम द्वारा ईलाज किया जा रहा है। ओर कुए में पीएचई विभाग द्वारा पानी के सैंपल लेकर दवाई डाली है।
वहीं बीमार ग्रामीणों का ईलाज करने पहुंचे चिकित्सकों का कहना है कि कुंए का दूषित पानी पीने से गांव में डायरिया फैल गया था। कल रात के बाद आज फिर करीब 50 मरीजों का ईलाज किया गया है। फिलहाल सभी की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। शिकार हो गए। जिसके बाद इन सभी मरीजों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूल में केम्प लगाकर ईलाज किया जा रहा है। इस दौरान मरीजों गोलियों के साथ ओआरएस के पैकेट दिए जा रहे है।
मरीजों का ईलाज करने पहुंचे चिकित्सक का कहना है कि फिलहाल सभी मरीजों की हालत में सुधार है।
सोमवार की रात में रजूर गांव में अचानक 70 से भी अधिक लोगों को दस्त की षिकायत होने लगी जिसके बाद तुरंत चिकित्सकों की टीम ने रात में ही गांव में पहुंचकर पीडित बीमारों का ईलाज किया। वहीं दूसरे दिन मंगलवार को फिर से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में पहुंचकर अस्पताल भवन के अभाव में स्कूल में ही केम्प लगाकर करीब 50 से भी अधिक दस्त के षिकार हुए ग्रामीणों का ईलाज कर उन्हें दवाईयां वितरित की गई। इतने अधिक संख्या ग्रामीणें के बीमार होने की वजह कुंए का दूषित पानी पीना बताया जा रहा है। जिसके बाद पीएचई की टीम ने भी गांव में पहुंचकर कुंए के सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पेयजल का एक मात्र स्त्रोत कुंआ ही है। ओर ओपन कुआँ है जिससे पूरे गाँव मे पेयजल वितरण होता है । इस कुंए का पानी पीने से कई लोगों को दस्त की षिकायत हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा रात में भी लोगों का ईलाज किया गया था। आज फिर टीम द्वारा ईलाज किया जा रहा है। ओर कुए में पीएचई विभाग द्वारा पानी के सैंपल लेकर दवाई डाली है।
वहीं बीमार ग्रामीणों का ईलाज करने पहुंचे चिकित्सकों का कहना है कि कुंए का दूषित पानी पीने से गांव में डायरिया फैल गया था। कल रात के बाद आज फिर करीब 50 मरीजों का ईलाज किया गया है। फिलहाल सभी की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।