विजय श्रीवास्तव दमोह …. कोतवाली पुलिस ने समय रहते लिया हिरासत में,रिटायर्ड होमगार्ड सैनिक ने किया आत्मदाह का प्रयास
दमोह अधिकारियों की मनमानी और लालफीताशाही आज भी बरकरार है इसी का नतीजा है कि शासकीय कर्मचारियों को परेशान होना पडता है और कभी कभी उनके द्वारा कोई ऐसा कदम भी उठा लिया जाता है जिसका परिणाम बडा भयानक होता है। ऐसा ही एक मामला दमोह में सामने आया। जहां एक रिटायर्ड होमगार्ड सैनिक को जब अपना स्वयं का जीपीएफ का पैसा नहीं मिलने पर उसे मजबूरन आत्मदाह करने के लिये विवश होना पडा वो तो कोतवाली पुलिस समय पर पहुंच गयी जिससे यह रिटायर्ड सैनिक आत्मदाह नहीं कर पाया। धरमपुरा बार्ड निवासी रूपनारायण मिश्रा करीब चार पांच साल पहले रिटायर्ड हो गए थे ,रिटायर्ड होने के बाद उन्हें जीपीएफ का पैसा तो मिला लेकिन पूरा नहीं मिला। बार बार वरिष्ठ अधिकारियों तक गुहार लगाने व आवेदन देने के बाद भी इस रिटायर्ड सैनिक को उसका बाकी बचा एक लाख रूपया नहीं मिला। इस रिटायर्ड सैनिक की पत्नि द्रोपती की दोनों किडनी खराब हो गयी जिसमें करीब पांच लाख रूपये खर्च हो चुका है जिसे इस रिटायर्ड सैनिक की बेटी ने लगाया, अभी इलाज में और पैसा खर्च होने की बात जब डॉक्टरों द्वारा कही गयी तो इस रिटायर्ड सैनिक ने अपने जीपीएफ का बाकी बचा पैसा पाने पुनः गुहार लगाई और एक दिवसीय धरना भी अपनी पत्नि के साथ दिया गया लेकिन उसके बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने घोषणा की कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन वो आत्मदाह कर लेगा। आज जैसे ही यह रिटायर्ड सैनिक अपनी पत्नि के साथ अंबेडकर चौक पहुंचा और आत्मदाह करने के लिये साथ लाये केरोसिन को अपने उपर उडलने का प्रयास करने लगा तो वहां मौजूद कोतवाली पुलिस ने उसे पकड लिया साथ ही उसे हिरासत में लेकर कोतवाली पुलिस थाना ले गयी। इस घटना ने जहां सभी आमजन मानस को झंझोकर रख दिया है वहीं एक यक्ष प्रश्न भी सामने ला दिया है कि आखिर लालफीताशाही के कारण कितने कर्मचारी बलिवेदी पर चढते रहेंगे।