राजधानी भोपाल में नौकरी के नाम पर रिश्वत मांगने वाला बाबू रंगे हाथ पकड़ाया

नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – आयुष विभाग में भरस्टाचार का खुला खेल राजधानी भोपाल में सामने आया है , नियुक्ति के एवज में डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगने वाले आयुष विभाग के बाबू को लोकायुक्त की टीम ने 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है ….

मध्य प्रदेश की राजधानी में जब ये हालात है तो प्रदेश में क्या होंगे ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं । आज भोपाल में लोकायुक्त की टीम ने अनुकंपा नियुक्ति के बदले रिश्वत के लिए ब्लैकमेल करने वाले आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव को गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त टीम ने आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव को 80 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा है । बाबू ने शिकायतकर्ता गौरव साकरे से अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी । जिसके बाद शिकायतकर्ता बतौर पहली किस्त 80 हजार रुपए लेकर बाबू के पास पहुंचा था । गौरव साकरे से बाबू सुनील नामदेव ने सौदा किया था कि 80 हजार रूपए एकमुश्त देना है । इसके बाद 70 हजार रूपए हर महीने 3-3 हजार रूपए की किश्त में देना है । इसके लिए बाबू ने गौरव साकरे पर दबाव बनाकर उसे एक लाख रूपए का पर्सनल लोन लेने के लिए भी मजबूर किया । आयुष विभाग के बाबू सुनील नामदेव ने गौरव से गारंटी के तौर पर तीन चेक लिए थे और उसे धमकी भी दी थी कि अगर उसने रिश्वत की रकम नहीं दी तो चेक का गलत इस्तेमाल कर उसे पुलिस केस में फंसा देगा। एक लाख का लोन अप्रूव होने के बाद ही आज 80 हजार रूपए बाबू को देना तय किया गया था लेकिन फरियादी ने इससे पहले ही लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की और लोकायुक्त की टीम ने 80 हजार रुपए के नोटों पर केमिकल लगाकर फरियादी को बाबू के पास भेजा । गौरव साकरे के पिता का निधन साल 2009 में हुआ था जिसके बाद उसे साल 2019 में आयुष विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी । नौकरी मिलने के बाद गौरव साकरे को शिवाजी नगर डिस्पेंसरी में पोस्टिंग मिली थी लेकिन बाबू सुनील नामदेव लगातर उस पर रिश्वत के रूपए देने का दबाव बना रहा था ।