निलेन्द्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो –  जनता से सीधे जुड़कर शिकायतों के निराकरण के लिए बीजेपी सरकार के समय बनी सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों के तत्काल निराकरण के सख्त निर्देशों के बाद भी हालात ये है कि हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों ने 3 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है और ये शिकायतें सिर्फ वो हैं जिनका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है …
सीएम हेल्पलाइन को बंद करने को लेकर बवाल भले थम गया हो और भले सीएम कमलनाथ ने कलेक्टरों और विभागों को समस्याओं के जल्द निराकरण के सख्त निर्देश दिए हों। लेकिन अब भी माननीयों से लेकर विभागों के अफसर शिकायतों को सिरियसली नहीं ले रहे हैं । जिसका परिणाम है कि सीएम हेल्पलाइन में पेंडिंग शिकायतों का ये आंकड़ा बताता है अब तक सभी विभागों की कुल मिलाकर करीब ऐसी 3 लाख से ज्यादा शिकायतें हैं जिनका निराकरण नहीं हुआ है।
सीएम हेल्पलाइन में पेंडिंग पड़े शिकायती आंकड़े की बात करें तो शिकायतों के निराकरण में फिसड्डी साबित हुआ राजस्व विभाग 44 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग है, गृह विभाग में 10 हजार 723 शिकायतों का नहीं हुआ निराकरण, वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 41 हजार 200 शिकायतें पेंडिंग है। वित्त विभाग में 26,215 तो खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम मे 20 हजार से ज्यादा शिकायतें लोक स्वास्थ्य कल्याण विभाग में 25 हजार, नगरीय विकास में 19 हजार 700 तो महिला बाल विकास विभाग में 5 हजार शिकायतें पेंडिंग पर है।वहीं प्रदेश सरकार का कहना है कि सरकार हर काम जनता की बेहतरी के लिए ही कर रही है। लिहाजा भले ही सरकार जनअधिकार और ”आपकी सरकार आपके द्वार” से जनता की समस्याओं के निराकरण की बात कर रही हो। लेकिन सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों से साफ है कि सरकार को इस और ध्यान देकर सीएम के आदेश का पालन करने की फिलहाल सख्त जरुरत है ।