राहुल शर्मा इंदौर ब्यूरो….इंदौर में प्राधिकरण द्वारा शहर के प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण करवाया जा रहा है 1300 पेड़ों की शिफ्टिंग का भी दिया प्राधिकरण ने ठेका…..
इंदौर खजराना के पेड़ों को सुपर कॉरिडोर के बगीचों में शिफ्ट किया गया था, वहीं भंवरकुआं चौराहा के पेड़ों को यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर में मैदान किनारे, खाली जमीनों पर लगाया गया है। खजराना चौराहा पर निर्मित हो रहे फ्लायओवर के चलते जिन लगभग 600 पेड़ों को शिफ्ट कराया जा रहा है । उनमें पर्याप्त सावधानी रखी गई है और उम्मीद है कि शत-प्रतिशत पेड़ पनप जाएंगे । शिफ्टिंग में आसानी रहे इसीलिए इन पेड़ों की ऊंचाई कम कराई गई है और आधे से अधिक इन पेड़ों को काट दिया है और अब धीरे-धीरे कर सभी पेड़ों की शिफ्टिंग हो जाएगी, ताकि फ्लायओवर का निर्माण तेज गति से शुरू हो सके। फ्लायओवर निर्माण के चलते यातायात में भी फिलहाल परेशानी रहेगी।
खजराना के पेड़ों को सुपर कॉरिडोर के बगीचों में शिफ्ट किया गया था, वहीं भंवरकुआं चौराहा के पेड़ों को यूनिवर्सिटी के तक्षशिला परिसर में मैदान किनारे, खाली जमीनों पर लगाया गया है। 156 पेड़ों में कोंपल फूट गई है। भंवरकुआं चौराहा पर भी 600 के लगभग पौधों को शिफ्ट किया है। आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज के परिसर में भी कुछ पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।
एक सप्ताह पहले नए पत्ते आने लगे पेड़ों में
तक्षशिला परिसर में गुलमोहर, गूलर, नीम, पीपल सहित अन्य प्रजाति के पौधों में एक सप्ताह पहले कोंपल फूटना शुरू हो गई थी। तेजी से डगालें बढ़ना शुरू हो गई हैं। अगले एक साल में यह पेड़ पहले की तरह नजर आने लगेंगे। रोड किनारे लगे थे तो पूरी क्षमता से नहीं बढ़ पाते थे। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के परिसर में लगाने पर इनकी छंटनी भी करने की जरूरत नहीं होगी।
जड़ों के सूखने से पहले ही रोप दिया, इस कारण आसानी से पनप गए
सीईओ रामप्रकाश अहिरवार के मुताबिक नई जगह पर गड्ढे पहले से तैयार थे। उनका ट्रीटमेंट भी किया जा चुका है। जड़ सहित उखाड़ने के साथ ही उन्हें लगाने के िलए भेज दिया जाता था। जड़ों के सूखने से पहले ही उन्हें नई जगह पर लगा दिया जाता है। इस कारण भी पेड़ों को पनपने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई। जल्दी जड़ें जमा ली।
पूरी गर्मी में हर दिन सिंचाई करेंगे
सुपर काॅरिडोर, तक्षशिला और कॉलेज परिसर में जितने भी पौधे शिफ्ट हुए हैं, उन्हें नियमित रूप से पानी देने की व्यवस्था की गई है। दोनों ही स्थान पर पेड़ों की देखरेख के लिए कार्यपालन यंत्री स्तर के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं 25 माली भी लगाए गए हैं, जो समय-समय पर निंदाई, गुड़ाई करेंगे।
वन विभाग भी निगम से ले रहा खाद
नगर निगम जो खाद बना रहा है, वह आईडीए के साथ ही वन विभाग भी खरीद रहा है। वन विभाग द्वारा नर्सरी में 10 से 12 लाख पौधे हर साल तैयार किए जाते हैं। इन पौधों में निगम की खाद ही डाली जा रही है। एक रुपए किलो में यह खाद सरकारी विभागों को मिल जाती है। थोड़ी खाद डालने पर पौधे पनपने लगते हैं।