नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जल्द ही भोपाल और इंदौर के बीच सिक्स लेन सड़क का निर्माण शुरु हो जाएगा। केन्द्र से हमें मंजूरी मिल चुकी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में यातायात का दबाव कम करने के लिए ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों में एक साथ 50 रेलवे ओवर ब्रिज बनेंगे। विभाग में इंजीनियर सहित अन्य रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती शुरू की जाएगी। इसमें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद भी शामिल हैं। विभागों की बजट चर्चा के दौरान उन्होंने सदन में यह बात कही।
मंत्री ने कहा कि भोपाल और इंदौर में सरकारी कर्मचारियों के लिए 8 – 8 मंजिला भवन बनाए जाएंगे। राज्य में अब नई सड़क बनाए जाने के दौरान उसके दोनों ओर वृक्षारोपण और नए भवन बनाने मे पेड़ लगाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। सड़कों के अंधे मोड समाप्त करेंगे। एनएच की सड़कों पर कामॢशयल वाहनों पर टोल टेक्स लगाएंगे जिससे केन्द्र से राशि न आने पर इन सड़कों का रखरखाव हो सके। प्रत्येक विकासखण्ड 5 – 5 इको स्मार्ट ग्राम बनाए जाएंगे।
बजट चर्चा की शुरूआत करते हुए पूर्व लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने आरोप लगाया कि जिन सड़कों का भूमिपूजन हो चुका है, निर्माण कार्य चालू हैं, उन्हें भी बजट में शामिल कर लिया गया। भाजपा के गिरीश गौतम, हरीशंकर खटीक, गिरीश गौतम, रामलल्लू वैश्य, प्रदीप लारिया ने भी बजट में भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों के क्षेत्र में सड़कें स्वीकृत नहीं की गईं। पूर्व की सड़कों के काम भी भुगतान न होने के कारण रोक दिए गए हैं।
पूर्व शासनकाल के समय ठेकों की जांच हो –
कांग्रेस के कुणाल चौधरी ने कहा कि पूर्व की भाजपा शासनकाल में दिए गए ठेकों की जांच होना चाहिए, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री के मित्र को ठेके दिए जाने की जांच होना चाहिए। कांग्रेस के ही फुंदेलाल मार्कों ने मांग की कि पूर्व सरकार में सड़कों का टोल वसूला जाता रहा लेकिन मरम्मत नहीं हुई उनकी भी जांच हो। चर्चा में विधायक बहादुर सिंह तंवर, रवि जोशी, बहादुर सिंह चौहान, संजय शर्मा, नारायण सिंह पट्टा, झूमा सोलंकी आदि ने भाग लिया।
लिखित में दे दें सुझाव –
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के सुझाव पर स्पीकर ने व्यवस्था दी कि बजट चर्चा में विधायक नीतिगत सुझाव दें और यदि उनकी कोई मांग है तो वे लिखकर मंत्री को दे दें। लिखित में देंगे तो मंत्री को लिखित जबाव भी देना होगा क्योंकि यह सदन का हिस्सा होगा। समय की बचत को देखते हुए भार्गव ने यह सुझाव दिया था।