नीलेंद्र मिश्रा भोपाल ब्यूरो – एमपी में जिस तेजी से बाघो की संख्या में बड़ोतरी हो रही है उसी के दम पर प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला है वही अब पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघ का सड़ा गला शव मिलने की खबर के बाद हडकंप मच गया वो भी अंतर्राष्ट्री बाघ दिवस 29 जुलाई से दो दिन पहले । टाईगर की मौत पर सवाल उठना भी लाजमी है। सोमवार को टाइगर की मौत की खबर के बाद वन अमला उस स्थान पर पहुचा जहां टाईगर का शव पड़ा हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार गहरी घाट रेंज के मझौली में झाड़ियों में सड़ा गला शव मिला जिस से हड़कंप मच गया टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में एक माह के अंदर यह दूसरी बाघ की मौत है इससे पहले एक ब्रीडिंग मादा टाइगर की मौत हुई थी ।
करीब 5 वर्ष के इस बाघ का शव जब मिला तत्काल फील्ड डायरेक्टर के.एस. भदौरिया एवं वन्य प्राणी चिकित्सक संजीव गुप्ता पहुचे । टाइगर के शव का पीएम करने के बाद अन्तिम संस्कार किया गया । वही वन विभाग के अधिकारियो का कहना है की टाईगर अपनी टेरेटरी बनाने के कारण आपस मेें लड़ते है जिससे भी उनकी मौत हो जाती है हालांकि सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौके पर संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं ।
बाघों की बड़ोतरी से कम पड़ रहा कोर एरिया
पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर एरिया का कुल क्षेत्रफल 576.13 वर्ग किलोमीटर है और इस कोर एरिया के घनत्व के मान से अधिक टाइगर हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर एरिया में 39 टाईगर है। वही बफर जोन 1 हजार 21.97 वर्ग किलोमीटर है कुल मिलाकर यहां 50 टाईगर हैं । हालांकि वन विभाग के अधिकारी टाइगर की मौत को स्वभाविक बता रहे हैं। टाईगर की मौत की वजह जो भी हो टाईगर की मौत पर सवाल उठना लाजमी है । वर्ष 2008 मेें पन्ना टाईगर रिजर्व से बाघों की मौत से यहां के बाघों का अस्तित्व ही खतरे मेें पड़ गया था ।