आलोक सिंह नरसिहपुर …. करेली पुरानी गल्ला मंडी में गोंड समाज महासभा शाखा नरसिंहपुर द्वारा समाज के गौरव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री शंकरशाह जी रघुनाथशाह जी का बलिदान दिवस सुश्री अनुसुईया उइके जी उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री बी.एस.परतेती, मदनपुर राजघराने की रानी श्रीमती मीराबाई, विभिन्न जिलों सतना, सागर, जबलपुर, सिवनी, छिन्दवाडा, खरगौन, रायसेन, दमोह के जिलाध्यक्ष तथा करीब 2000 की संख्या में जनजाति प्रतिनिधिगण एवं सदस्य महिला पुरूष एवं बच्चों ने सहभागिता की। सर्वप्रथम गोंडी धार्मिक रीति रिवाजों से बड़ादेव की पूजा अर्चना कर बलिदानियों को श्रद्धांजली अर्पित की गई। इस अवसर पर गोंडी कला एवं सॅंस्कृति का प्रदर्शन गायन, वादन एवं नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया। विभिन्न वक्ताओं ने समाज के वीर पुरूषों की जीवन गाथा से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया और समाज से कुरीतियों को मिटाने तथा गोंड समाज के वैभव को पुनः जीवित करने के लिये जागरूक होकर कार्य करने का आहवान किया गया।
सुश्री अनुसुईया उइके जी द्वारा अपने उदबोधन में बलिदानियों राष्ट्रवीर, समाजवीर जनजाति समाज के गौरव राजा शंकरशाह जी व कॅुंवर रघुनाथ शाह जी को श्रद्धॉंजली अर्पित करते हुए उनके जीवन से ईमानदारी, बफादारी, और राष्ट्रभक्ति की शिक्षा ग्रहण करने का आहवान किया गया। उन्होंने अपने उदबोधन में जनजाति आयोग के गठन की प्रक्रिया, पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया, संवैधानिक प्रावधान, पदाधिकारियों के अधिकार और कार्यप्रणाली व आयोग के माध्यम से जनजाति वर्ग के पीड़ित व्यक्तियों को मिल रहे न्याय के बारे में बताया गया।
इसके साथ ही साथ उन्होंने जनजातियों के लिये प्रचलित शासकीय योजनाओं और उनका लाभ प्राप्त करने के लिये प्रक्रिया से भी अवगत कराया गया। समाज का नेतृत्व करने वाले और शिक्षित लोगों का आहवान किया कि यह उनका कर्तव्य है कि वे पीड़ित, गरीब, सुविधाओं से वंचित अपने सजातीय बंधुओं की आवाज उठाएॅं और उन्हें लाभ दिलवाएॅं।
इस अवसर पर राजा शंकरशाह व कुॅवर रघुनाथ शाह के जीवन पर कुॅंवर लक्ष्मणराज सिंह मरकाम जी (आईएनएएस) भारतीय नौसेना द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इसके साथ ही साथ जनजाति समाज के प्रतिभावान बच्चों को प्रशस्तिपत्र के माध्यम से सम्मानित भी किया गया।
इस कार्यक्रम के अवसर पर जनजाति समाज के उपस्थित युवाओं, महिलाओं तथा बच्चों में सुश्री अनुसुईया उइके से मिलने के लिये और उनके साथ छायांकन के लिये भारी उत्साहित देखा गया है। इस उत्साह को देखकर ऐसा प्रतीता होता है कि वे ऐसा समझते हैं कि उनके अपने जनजाति समाज की ही एक महिला इतने बड़े पद पर हैं और वे इतने सहज भाव से अपने सगाजनों से मिलकर उनकी बात सुन रही हैं।
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा उपस्थित आवेदकों ने अपनी समस्याओं के ज्ञापन भी प्रस्तुत कर उनका निराकरण कराने का अनुरोध किया गया।