rajdhani 24X7 ...मध्य प्रदेश में चुनावी घमासान के बीच सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ संतों को लामबंद करने का अभियान चला रहे कम्प्यूटर बाबा को दिगंबर अनी अखाड़े से गुरुवार को बाहर कर दिया गया। उनके खिलाफ यह सख्त कदम इस आरोप के तहत उठाया गया है कि वह दलीय राजनीति में शामिल होकर संतों की गरिमा के विपरीत आचरण कर रहे हैं । साधु-संतों के 13 प्रमुख अखाड़ों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया, “हमारी अनुशंसा पर कम्प्यूटर बाबा को दिगंबर अनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। वह संतों की गरिमा के एकदम विपरीत आचरण करते हुए राजनीतिक मैदान में कूद चुके हैं और अपने निजी फायदे के लिये कभी बीजेपी, तो कभी कांग्रेस के पक्ष में बात कर रहे हैं।”
नरेंद्र गिरि ने बताया कि दिगंबर अनी अखाड़े के पंचों की उज्जैन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कम्प्यूटर बाबा को वैष्णव संप्रदाय (अपने इष्ट देव के रूप में भगवान विष्णु को पूजने वाले हिंदू मतावलम्बी) के संतों की इस प्रमुख धार्मिक संस्था से बाहर निकालने का औपचारिक फैसला किया गया।
नरेंद्र गिरि ने अखाड़ों के धार्मिक नियमों के हवाले से बताया कि निष्कासन के बाद कम्प्यूटर बाबा दिगंबर अनी अखाड़े के कार्यक्रमों और इसके संतों के सामूहिक भोज आदि में शामिल नहीं हो सकेंगे। वह प्रयागराज (इलाहाबाद) में आगामी 15 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ मेले में इस अखाड़े के शाही स्नान और अन्य धार्मिक आयोजनों में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
वंही बाबा के हटाने पर सोशल मीडिया में मुख्य मंत्री के खिलाफ बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है।