आशीष रावत …..नर्मदापुरम में स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल इन दिनों काफी खराब चल रहे हैं , एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के जिले के आला अधिकारी के कार्यालय में रिश्वत खोरी के चलते लोकायुक्त के छापे पड़ रहे हैं तो वही मैदानी स्तर पर मरीजों को स्टाफ नही मिल रहा , आज एसडीएम के अचानक दौरे ने शासकीय पिपरिया सिविल अस्पताल की पोल खोल दी…..

 

जिले में स्वास्थ्य विभाग कितना गंभीर है इसकी बानगी आपको पिपरिया सिविल अस्पताल में देखने को मिलती है । अस्पताल में छेत्र की गरीब जनता इस उम्मीद से जाती है कि उसको शासन की तरफ आम जनता को मिली सौगात स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा पर इसके उलट जिले का स्वास्थ्य महकमा अपनी कार्यशैली के चलते चर्चाओं में बना है । अस्पतालों में डॉक्टर तो छोड़िए स्टाफ तक अपनी ड्यूटी के दौरान नदारद रहते हैं । पिपरिया सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे पिपरिया एसडीएम को अस्पताल में स्टाफ ही नही मिला ।

हैरत की बात तो ये है कि पिपरिया सिविल अस्पताल की नवीन बिल्डिंग करोड़ों की लागत से तो माननीयों बनवा दिया पर इस बिल्डिंग में स्टाफ की कमी के साथ मौजूदा स्टाफ की उदासीनता गाहे बगाहे देखने को मिलती है पर छेत्र के जनप्रतिनिधियों और ट्रिपल इंजन की सरकार चला रहे माननीयों को नही दिखती ।

काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि पिपरिया सिविल अस्पताल में स्टाफ समय पर उपस्थित नहीं होता है । अस्पताल में 79 लोगों का स्टाफ है । जिसमें 11 लोग उपस्थित मिले है । मुझे दवाइयों का स्टॉक भी चेक करना था पर सम्बंधित प्रभारी उपस्थित नहीं अभी भी है । इसलिए में स्टॉक चेक नहीं कर पाया हूँ । जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा ।
संतोष तिवारी SDM पिपरिया

 

अस्पताल में स्टॉप की कमी है हम कई बार अधिकारों को इस के लिए अवगत करा चुके है । हमारे पास डॉक्टर की भी कमी है । यँहा डाँक्टर आते और लगभग एक महीने में ट्रांसफर ले लेते है । हमारे पास काफी स्टॉप रोगी कल्याण समिति के द्वारा रखा गया है ।
ऋचा कटकवार BMO  सिविल अस्पताल पिपरिया